सरबजीत के हत्यारे का ‘अज्ञातों’ ने किया खात्मा, लाहौर में गोलियों से छलनी कर उतरा मौत के घाट

पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या के बाद सबूतों के आभाव में बरी हो गया था अमीर सरफराज

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SHIVAM DIXIT

पाकिस्तान में एक बार फिर किसी अज्ञात हमलावर ने भारत के दुश्मन और भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की जेल में हत्या करने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज को लाहौर में गोलियों से छलनी कर मौत की नींद सुला दिया है।

बता दें की सरफराज ने ही साल 2013 में पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पाकिस्तान ने दिखावे के लिए उस पर सरबजीत सिंह पर हमला करने का केस चलाया गया जिसे 2018 में सबूतों के आभाव में ख़ारिज कर दिया गया।

कौन थे सरबजीत सिंह, कैसे पहुंचे पाकिस्तान?

30 अगस्त 1990 को पंजाब के तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले किसान सरबजीत सिंह गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। जहां उन्हें सीमा के पास से ही पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल में बंद कर दिया था।

इसके बाद सरबजीत पर पाकिस्तान ने झूठे मुकदमे लादते हुए आरोप लगाया कि लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों में सरबजीत सिंह का हाथ था। बम धमाके में कुल 14 लोगों की मौत हुई थी और सरबजीत को मौत की सजा सुना दी गई। दरअसल पाकिस्तान सरबजीत सिंह को जरिया बनाकर भारत की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख़राब करने की कोशिश में लगा हुआ था.

इधर सरबजीत की बहन दलबीर, पत्नी सुखप्रीत के अलावा भारत सरकार ने भी सरबजीत को वापस भारत लाने की बहुत कोशिशें कीं, लेकिन ये प्रयास सफल नहीं हो सके। इसी दौरान सरबजीत पर पाकिस्तान के लाहौर स्थित जेल में हमला कर दिया गया, जिसमें उनकी जान चली गई। जेल में सजा काटने के दौरान सरबजीत के सिर पर ईंटों से वार किया गया था। इसके बाद उन्हें लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।

पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में भारत के कई दुश्मन आतंकियों की एक-एक कर हत्या होती रही है। इन ‘अज्ञात हमलावरों’ ने अब तक कई आतंकियों को ढेर कर दिया है।

बीते दिनों ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने विदेशी धरती पर 20 लोगों की हत्या की है। नई दिल्ली ने उन लोगों को निशाना बनाने की नीति लागू की हुई है, जिसे वे भारत का दुश्मन मानते हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, ये मौतें ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होने वाले भारतीय खुफिया स्लीपर-सेल द्वारा की गई थीं।

हालांकि, भारत सरकार ने इन रिपोर्ट्स बेकार और बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था।

 

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