महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल अर्बन नक्सल और कथित एक्टिविस्ट गौतम नवलखा हाउस एरेस्ट की मांग करने और फिर उस पर हुए खर्च का भुगतान करने की कोशिश करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने वामपंथी गौतम नवलखा को को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का बकाया 1.64 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुंदरेश और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि अगर आपने एनआईए से हाउस अरेस्ट रखने की मांग की है, तो इस पर आने वाले खर्च को आपको ही वहन करना होगा। क्योंकि आपने हाउस अरेस्ट करने की मांग की थी, अत: इसका भुगतान करने से आप नहीं बच सकते हैं। बहरहाल कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 23 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।
कौन है गौतम नवलखा
गौरतलब है कि अर्बन नक्सल गौतम नवलखा वर्ष 2018 में महाराष्ट्र के पुणे में हुई भीमा कोरेगांव हिंसा का आरोपी है। इस मामले में खुलासा हुआ था कि ये सभी भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की फिराक में थे। इस मामले में ही गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2022 से ही गौतम नवलखा मुंबई पुलिस के हाउस अरेस्ट में थे।
दरअसल, मई 2021 में ही नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को हाउस अरेस्ट करने की मांग की थी।
क्या है हाउस अरेस्ट का कानून
उल्लेखनीय है कि अब तक भारत में हाउस अरेस्ट का कोई स्पष्ट कानून नहीं है, लेकिन इंडियन पीनल कोड की धारा 167 के तहत विशेष मामलों में हाउस अरेस्ट का आदेश दे सकती है। इसके तहत जो भी व्यक्ति हाउस अरेस्ट किया जाता है, उसे उसके घर में ही रखा जाता है, आरोपी के घर के बाहर 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है। आरोपी पर कई सारी पाबंदियां भी लगी होती हैं। मतलब ये कि आरोपी का घर ही उसके लिए जेल बन जाता है।
बता दें कि गौतम नवलखा मुंबई स्थित अपने 1BHK फ्लैट में नजरबंद थे। इसी के लिए हुए खर्च को चुकाने की मांग एनआईए ने की थी।
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