स्वीडन मे पिछले वर्ष सोमालियाई मूल के इब्राहिम ने अपनी सात महीने की गर्भवती महिला मित्र की हत्या केवल इसलिए कर दी थी कि उसके परिवार वाले उसकी श्वेत गर्लफ्रेंड को नहीं अपनाएंगे। बीस वर्षीय सागा फोरसगरें एलनेबऑर्ग की लाश पिछले वर्ष उसके अपने अपार्टमेंट मे मिली थी। उसे गला घोंट कर मारा गया था और इस हमले में उसके बच्चे की भी मौत हो गई थी।
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इब्राहिम को पिछले वर्ष सागा के कत्ल के आरोप मे गिरफ्तार किया गया था। इस वर्ष रिपोर्ट जमा की गई है, जिसमें उन दोनों के रिश्ते के प्रमाण आदि साक्ष्य शामिल किए गए हैं। इन साक्ष्यों से यह पता चलता है कि यह हत्या इसलिए की गई क्योंकि इब्राहिम को ऐसा लगता था कि सागा जैसी लड़की के साथ संबंध बनाने से परिवार की इज्जत चली जाएगी। वकील के अनुसार यह हत्या झूठे सम्मान के लिए की गई है। आरोपी ने इसलिए यह हत्या की क्योंकि वह अपनी गर्भवती गर्लफ्रेंड को मारकर अपने परिवार की इज्जत बचाना और वापस लाना चाहता था। वकील के अनुसार इब्राहिम का पालन-पोषण इस विश्वास के साथ हुआ था, जिसमें उसके लिए श्वेत महिला के साथ संबंध बनाना पाप होता है।
लगभग हजार पन्ने की इस रिपोर्ट मे यह लिखा है कि इब्राहिम से यह कहा जाता था कि उसे अपने जैसी तहज़ीब वाली लड़की से ही डेटिंग करनी है और अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे बाहर कर दिया जाएगा। दोनों लगभग दो साल तक संबंध मे रहे। रिपोर्ट में इन दोनों के बीच टेक्स्ट संदेश भी मिले हैं। एक संदेश मे इब्राहिम अपने परिवार वालों को अपनी गर्लफ्रेंड की गर्भावस्था के बारे मे बताने जा रहा है, मगर साथ ही वह यह भी कह रहा है कि वह नर्वस है तो सागा संदेश भेजती है कि सब ठीक हो जाएगा। मगर सब ठीक नहीं हुआ, इब्राहिम ने सागा की हत्या कर दी। जब पिछले वर्ष यह हत्या हुई थी, तो भी काफी शोर मचा था और कई प्रश्न उठे थे और कई लोगों ने स्वीडन पुलिस के उस वीडियो को साझा किया था, जिसमें पुलिस लड़कियों से अनुरोध कर रही है कि वे सूर्यास्त के बाद घर से बाहर न निकलें, नहीं तो उनके साथ बलात्कार हो सकता है।
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सोमालियाई मूल का इब्राहिम वर्ष 2016 से स्वीडन का नागरिक है। यदि वह दोषी पाया भी जाता है तो भी उसे उसके देश नहीं भेजा जा सकता है। स्वीडन में लगातार लड़कियों के साथ शरणार्थियों द्वारा बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार इब्राहिम का आपराधिक रिकार्ड भी था और उसे चोरी एवं अवैध रूप से गाड़ी चलाने के आरोप में पहले भी दोषी ठहराया जा चुका है।
स्वीडन या कहें कि पूरे यूरोप मे जहां पर भी शरणार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है, वहां पर लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचारों में वृद्धि देखी गई है। स्वीडन में कई वर्षों से इस मामले को लेकर शोर मच रहा है कि आखिर लड़कियां कहां सुरक्षित हैं? और वर्ष 2018 मे बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन मे बलात्कार के अपराध मे जितने भी दोषी पाए गए हैं, वे अधिकतर विदेशों में पैदा हुए हैं।
ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी एवं अमेरिका में कल्चरल एनरिचमेंट अर्थात सांस्कृतिक समृद्धिकरण के नाम पर मुस्लिम देशों से शरणार्थियों को लिया गया है। सीमाओं को खोल दिया गया है। शरणार्थियों का स्वागत किया गया। परंतु अलग कल्चर के लोगों के जीवन मूल्य भी अलग-अलग होते हैं और लड़कियां ही इसका सबसे बड़ा शिकार होती हैं। जो कपड़े और रहन-सहन एक कल्चर मे सामान्य होता है तो वही दूसरे मे टैबू होता है। एक कल्चर में लड़कियों का आदर किया जाता है तो दूसरे में गैर-मजहबी लड़कियों को कुछ और समझा जाता है। ऐसे में यह भी आवश्यक है कि जो आ रहा है उसके मजहबी विचारों और वह किस तरीके से दूसरे की लड़कियों को देखते हैं, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
इटली, जर्मनी, स्वीडन, ब्रिटेन जैसे लगभग हर देश से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। अभी हाल ही मे इंग्लैंड में ब्रैडफोर्ड शहर में एक महिला की दिनदहाड़े हत्या हो गई थी। वह महिला अपने बच्चे के साथ थी। उसके गर्दन पर चाकू से हमला किया गया था। इस हमले मे उसका बच्चा सुरक्षित था। अब उसके विषय में पता चला है कि यह हत्या बांग्लादेश के हबीबुर मासूम ने की है। हबीबुर 25 वर्ष का है और शादीशुदा है। वह डिजिटल मार्केटिंग की पढ़ाई कर रहा है और लंदन के बारे मे कई व्लॉग्स बनाता है और पोस्ट करता रहता है। मगर इन दिनों पुलिस उसे ढूंढ रही है क्योंकि वह खून करके फरार है।
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पुलिस ने यह कहा है कि यदि कोई हबीबुर को देखे तो वह पुलिस को तत्काल सूचित करे।
अब यहां बड़ा सवाल यह है कि कल्चरल एनरिचमेंट में कहीं लड़कियों के साथ कोई क्रूर एक्सपेरिमेंट तो नहीं हो जाएगा ?
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