जानिए क्या है क्लैपिंग थेरेपी और इसके फायदे?

अक्सर हम सभी किसी को प्रोत्साहित या उसकी सराहना करने के लिए ताली बजाते हैं। इसके अलावा भजन-कीर्तन में भी लोग तालियां बजाते हैं।

Published by
Mahak Singh

अक्सर हम सभी किसी को प्रोत्साहित या उसकी सराहना करने के लिए ताली बजाते हैं। इसके अलावा भजन-कीर्तन में भी लोग तालियां बजाते हैं। कुछ लोग पार्क या घर में बैठकर हंसते हुए ताली बजाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ताली बजाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ताली बजाने की इस प्रक्रिया को क्लैपिंग थेरेपी (Clapping Therapy Benefits) कहा जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ताली बजाने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे।

ताली बजाने के फायदे

दिल के लिए फायदेमंद

अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप क्लैपिंग थेरेपी की मदद ले सकते हैं। आपके हाथ में कुल 29 एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं, ताली बजाने से इन सभी पर दबाव पड़ता है। जिसके कारण आपको एनर्जी मिलती है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। ताली बजाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर

ताली बजाने से आपके हाथों के एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। जो आपकी कलाई पर, अंगूठे के नीचे, हाथ की घाटी बिंदु और आपके हाथ के अंगूठे के नाखून पर होते हैं।
ताली बजाने की प्रक्रिया में इन सभी बिंदुओं पर दबाव पड़ता है। जिससे आपके शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है।

मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा

अगर आप तनाव और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप रोज सुबह क्लैपिंग थेरेपी का अभ्यास कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके मस्तिष्क को सकारात्मक संकेत मिलते हैं जिससे तनाव कम होता है और दिमाग को आराम मिलता है। यह हैप्पी हार्मोन को बढ़ाता है जिससे आपको आराम महसूस होता है।

पीठ दर्द से राहत

अगर आपको अक्सर पीठ दर्द की शिकायत रहती है तो आपको क्लैपिंग थेरेपी जरूर ट्राई करनी चाहिए। इससे आपको दर्द से काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार

प्रतिदिन क्लैपिंग थेरेपी का अभ्यास करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। अगर आप अक्सर संक्रमण के शिकार होते हैं या बीमार पड़ते हैं तो संभव है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। क्लैपिंग थेरेपी का अभ्यास करने से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं बढ़ती हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

इस लेख में दी गई जानकारी और सुझावों को अमल में लाने से पहले पाठक किसी डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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