पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा जिले में गत दिनों फिदायीन हमले में पांच चीनी इंजीनियरों और उनके ड्राइवर की मौत से वहां काम कर रहे चीनी इतने भयभीत हो गए हैं कि उन्होंने डर के मारे उस बिजली परियोजना पर काम बंद कर दिया है। बेशक, उस हमले के बाद पाकिस्तान में कहीं भी काम पर जुटे चीनियों में ऐसा भय बैठ गया है कि उन्हें खुद की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रहा है। 26 मार्च के फिदायीन हमले में मारे गए पांचों चीनी इंजीनियर दासू बिजली परियोजना पर काम कर रहे थे।
इसमें संदेह नहीं है कि भारत के ठीक पड़ोस में जिन्ना का कंगाल चीन परस्त देश पहले ही बिजली के जबरदस्त संकट से जूझ रहा है। लेकिन अब दासू पर काम बंद होने से मुसीबत कई गुना बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। हो सकता है कि आगे आधे पाकिस्तान की बत्ती गुल हो जाए।
खैबर पख्तूनख्वाह में दासू बिजली परियोजना पर काम कर रही चीनी की कंपनी हार्बिन इलेक्ट्रिक इंटरनेशनल लिमिटेड ने कहा है कि पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति इतनी गंभीर हो चली है कि कोई चीनी इंजीनियर काम पर जाकर मरने का खतरा नहीं उठाना चाहता। इसलिए काम रोका जा रहा है। इस संबंध में कंपनी ने एक सूचना भी जारी कर दी है।
चीनियों के दिल पर ऐसा खौफ बैठा है कि उन्होंने भरोसे लायक सुरक्षा के बिना परियोजना स्थल पर जाने से मना कर दिया है। वहां काम कर रही चीन की कंपनी ने यह भी बताया है कि फिलहाल दासू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से संबद्ध 765 किलोवाट की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का काम चल रहा था जो अब बंद कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि चीनी इंजीनियरों ने काम ठप कर दिया है क्योंकि उन्हें खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आश्वासन पर भरोसा नहीं है। यहां बता दें कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ खुद पिछले दिनों आतंकी घटना पर दुख जताने और चीन के इंजीनियरों को सुरक्षा की गारंटी देने परियोजना का दौरा करने गए थे। लेकिन न उन चीनी कामगारों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पूरी सुरक्षा देने के वादे पर यकीन हुआ, न चीन की कम्युनिस्ट सरकार को। गत दिनों तो यह बात भी तेजी से उभरी थी कि शायद चीन अपने फौजी भेजकर चीनी नागरिकों की सुरक्षा करेगा। लेकिन अभी तक ऐसा धरातल पर नहीं हुआ है।
खैबर पख्तूनख्वा के बेशम में गत 26 मार्च को चीनियों पर हमला उस वक्त हुआ जब वे दासू परियोजना स्थल की ओर जा रहे थे। हमले में पांच चीनी इंजीनियर और उनका पाकिस्तानी वाहन चालक मारे गए थे। इसी घटना का चीनियों के दिल पर ऐसा खौफ बैठा है कि उन्होंने भरोसे लायक सुरक्षा के बिना परियोजना स्थल पर जाने से मना कर दिया है। वहां काम कर रही चीन की कंपनी ने यह भी बताया है कि फिलहाल दासू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से संबद्ध 765 किलोवाट की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का काम चल रहा था जो अब बंद कर दिया गया है।
प्रोजेक्ट मैनेजर यू होंग का यह कहना हैरानी पैदा करता है कि, हमले से ऐसा गलत संदेश गया है कि कहीं इस बिजली परियोजना का काम पूरी तरह से ही ठप न पड़ जाए। यहां पेंच यह भी है कि परियोजना पर काम पहले ही तय समय सीमा से पीछे चल रहा है।
चीनी कंपनी की इस सूचना से पाकिस्तान में अधिकारी हड़बड़ाए घूम रहे हैं क्योंकि उस कंगाल देश में बिजली की तो पहले से किल्लत थी, अब इस नए घटनाक्रम ने भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। संभव है इस पूरे प्रकरण पर बात करने या कहें आका को मनाने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार बीजिंग जाकर अपने चीनी समकक्ष से मिलें।
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