दिल्ली में रोहिणी स्थित बीआर आंबेडकर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले के खिलाफ एक ओर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लंबे अरसे से यह फाइल दबा कर बैठे हैं। आम आदमी पार्टी (आआपा) की ‘अंदर कुछ’ और ‘बाहर कुछ’ की यह नीति फाइल की तरह ही दब जाती, लेकिन उपराज्यपाल (एलजी) ने इस बात का खुलासा कर दिया है।
फाइल दबाए बैठे केजरीवाल
दिल्ली के एलजी दफ्तर के अनुसार रोहिणी यौन शोषण मामले में कार्रवाई को मुख्यमंत्री केजरीवाल गंभीरता से नहीं ले रहे। उन्होंने 14 फरवरी से रोहिणी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को हटाने से जुड़ी फाइल को अपने पास रोक रखा है। इस मेडिकल कॉलेज की छात्राओं ने खुद यौन शोषण की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। 28 मार्च, 2024 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एलजी विनय सक्सेना के दफ्तर ने बताया कि जहां एक ओर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज मेडिकल कॉलेज में कथित यौन उत्पीड़न को लेकर लगातार हंगामा करते हुए इसके प्रिंसिपल को हटाने की मांग कर रहे हैं, वहीं प्रिंसिपल के तबादले से जुड़ी फाइल केजरीवाल ने पिछले 45 दिनों से दबा कर रखी हुई है। उल्लेखनीय है कि हंगामे की बात मीडिया में सुर्खियां बटोर लेती है। दिल्ली वालों को लगा कि दिल्ली सरकार को प्रदेश की बेटियों की कितनी चिंता है? केजरीवाल सरकार रोहिणी के मेडिकल कॉलेज प्रकरण में प्रो. सलीम शेख को बचाने की खातिर इस मामले को दबाने का प्रयास क्यों कर रही है? दिल्ली की जनता जेल में बंद मुख्यमंत्री से यह सवाल पूछ रही है।
क्या है मामला
मीडिया समाचारों के मुताबिक 22 फरवरी, 2024 को 2 छात्राओं ने डॉ. भीमराव आंबेडकर हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर सलीम शेख के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। घटना 31 जनवरी, 2024 की बताई जा रही है, जब कॉलेज में मौखिक परीक्षा चल रही थी। यह परीक्षा प्रोफेसर सलीम शेख ले रहे थे। आरोप है कि मौखिक परीक्षा के दौरान उन्होंने दो छात्राओं का यौन शोषण किया। इन दो हिन्दू छात्राओं ने सलीम शेख की शिकायत करने का साहस जुटाया। उनके हौसले को देखकर दूसरी लड़कियों ने भी उनका साथ दिया।
अब तक नहीं हुई कार्रवाई
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी विनय सक्सेना के नाम 20 मार्च, 2024 को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ईश्वर सिंह को हटाने की मांग की थी। उन्होंने प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यौन शोषण का मामला दर्ज कराने वाली छात्राओं से सहयोग नहीं किया। आरोप है कि प्रिंसिपल ने छात्राओं से मामले को दबाने की बात कही थी। वे नहीं चाहते थे कि छात्राएं पूरे मामले को तूल दें।
इस विषय में एलजी दफ्तर का कहना है कि केजरीवाल को इस मामले में मार्च के महीने में प्रिंसिपल की फाइल पर कार्रवाई के लिए दो बार कहा जा चुका है लेकिन फाइल उनके यहां पड़ी रही। इस धटना को अब 50 दिन होने को आए लेकिन उन्होंने अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। आखिरकार महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है और कॉलेज को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है।
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