तेजी से विकास के पायदान चढ़ रहे भारत के कंगाल पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली विदेश यात्रा पर सऊदी अरब पहुंच रहे हैं। पाकिस्तान की जनता ही नहीं, दुनिया भी जानती है कि खाने के लाले झेल रहे इस्लामी देश के प्रधानमंत्री का यह तीन दिन का दौरा ‘मुस्लिमों के रहनुमा’ भीख मांगने के लिए हो रहा है। लेकिन सरकारी तौर पर शाहबाज का यह दौरा ‘निवेश’ की योजनाओं को लेकर हो रहा है।
आखिर यह समझना बहुत मुश्किल बात नहीं है कि कर्जे में डूबे कंगाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने चुने जाने के बाद सबसे पहली विदेश यात्रा के लिए सऊदी अरब को क्यों चुना होगा! हालांकि पड़ोसी इस्लामी देश के विदेश कार्यालय ने अपने बयान में इस दौरे के पीछे अहम मुद्दों पर चर्चा को वजह बताया है। आज से 8 अप्रैल तक प्रधानमंत्री शरीफ रमज़ान के आखिरी दिनों में सऊदी अरब के दौरे पर किससे मिलकर क्या क्या बात करेंगे यह तो आगे पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि वह अरब देश पाकिस्तान जैसे गैर उत्पादक देश में निवेश तो नहीं ही करना चाहेगा।
इस दौरे पर प्रधानमंत्री के साथ विदेश तथा रक्षा मंत्री भी जा रहे हैं। पीएम शरीफ न सिर्फ वहां उमरा करेंगे, मदीना में मस्जिद में नमाज अदा करेंगे, बल्कि सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ से भेंट भी करेंगे। इस्लामाबाद की तरफ से कहा यह गया है कि दोनों देशों के बीच कई खास मुद्दों पर बात होने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में जैसे तैसे कराए गए 8 फरवरी के आम चुनाव के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में जाने से पहले पीएम शरीफ ने लाहौर जाकर अपने बड़े भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ कई मुद्दों पर सलाह की थी। पाकिस्तान के लोग इसे लेकर मजाक बना रहे हैं कि शाहबाज नवाज से यह पूछने गए थे कि भीख मांगने के नए पैंतरे क्या हैं, क्योंकि पुराने चोंचले तो अब बहुत बासी हो चले हैं और अरबी देश भी अब उनसे उकता चुका होगा।
पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज के अनुसार, दोनों देशों के नेता क्षेत्रीय तथा वैश्विक विकास पर बात करेंगे। सोचिए, जिस देश का नेता अपने यहां विकास की बात नहीं कर सकता वह दूसरे देश में पूरे क्षेत्र और दुनिया के विकास की बात क्या करेगा!
इस्लामाबाद लाख कहे कि धनवान अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान और कंगाल देश के पीएम शाहबाज कई परियोजनाओं पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे। लेकिन समझने वाले समझते हैं कि शाहबाज घुटने टेककर आका से भीख में पैसा मांगेगे, जिससे उनके यहां जनता रोटी खा सके और सत्ता अधिष्ठन से जुड़े नेता मलाई मार सकें। आधिकारिक तौर पर बताया यह भी गया है कि इस अवसर पर शाहबाज शरीफ सऊदी प्रधानमंत्री को पाकिस्तान आने का न्योता भी देंगे।
दोनों के बीच किन चीजों पर बात होगी, इस बारे में संकेत यह दिया गया है कि दोनों देश कृषि सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही अनेक विकास परियोजनाओं पर निर्णायक चर्चा करने वाले हैं।
पाकिस्तान में जैसे तैसे कराए गए 8 फरवरी के आम चुनाव के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में जाने से पहले पीएम शरीफ ने लाहौर जाकर अपने बड़े भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ कई मुद्दों पर सलाह की थी। पाकिस्तान के लोग इसे लेकर मजाक बना रहे हैं कि शाहबाज नवाज से यह पूछने गए थे कि भीख मांगने के नए पैंतरे क्या हैं, क्योंकि पुराने चोंचले तो अब बहुत बासी हो चले हैं और अरबी देश भी अब उनसे उकता चुका होगा।
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