गत अप्रैल को नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के कलानिधि विभाग ने श्री देवेंद्र स्वरूप स्मारक व्याख्यान का आयोजन किया। इसका विषय था-स्वतंत्रता प्राप्ति में महात्मा गांधी की भूमिका।
इसे संबोधित करते हुए समाजशास्त्री डॉ. जितेंद्र बजाज ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन को समग्रता से देखने पर पता लगता है कि गांधी जी ने सनातन धर्म में निर्दिष्ट सत्याग्रह, अवज्ञा आदि उपायों को समाज जागरण के लिए अपनाया जो स्वतंत्रता प्राप्ति का माध्यम बना।
उसी कालखंड में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों जैसे श्री गोविंद गुरु जी और श्री बिरसा मुंडा ने भी इन्हीं उपायों को अपनाया। स्वतंत्रता प्राप्ति में आजाद हिंद फौज, नाविक विद्रोह और अन्य क्रांतिकारी संगठनों की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता और उनका अपना महत्व है। अर्थात् स्वतंत्रता आंदोलन को समग्रता में देखने के लिए सशस्त्र आंदोलन और अहिंसात्मक आंदोलन का संतुलन बनाकर आकलन करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की। पाञ्चजन्य के पूर्व सम्पादक स्वर्गीय देवेंद्र स्वरूप जी के परिवार ने ‘भारत की ज्ञान यात्रा’ विषय पर उनके शोध की 41 हस्तलिखित डायरियां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को प्रकाशन हेतु भेंट कीं।
उल्लेखनीय है कि देवेंद्र स्वरूप की जयंती पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र गत 6 वर्ष से व्याख्यानमाला का आयोजन करता आ रहा है।
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