भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती कूटनीतिक धमक एक बार फिर से देखने को मिली है। ऐसा तब हुआ जब भारत सरकार की कूटनीति के चलते सऊदी अरब की जेल में बीते 19 वर्षों से बंद अशोक कुमार नाम के भारतीय कामगार की वापस वतन में घर वापसी हुई। भारतीय दूतावास की मदद से अशोक कुमार 5 अप्रैल को वापस स्वदेश लौट आए।
उन्होंने हाल ही में रियाद स्थित भारतीय दूतावास से भारत लौटने में मदद करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद दूतावास एक्टिव हुआ। इस बाबत सऊदी प्रशासन से कूटनीतिक चैनल के जरिए बातचीत शुरू की गई और वो सफल भी रही। भारतीय कामगार को रिहा करने के लिए भारतीय दूतावास ने सऊदी अरब के अधिकारियों को धन्यवाद दिया है। दूतावास ने शुक्रवार को एक तस्वीर और रियाद से दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ की कनेक्टिंग फ्लाइट का बोर्डिंग पास भी साझा किया।
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दूतावास ने लिखा, “दूतावास ने एक भारतीय कर्मचारी, अशोक कुमार को 19 साल के अंतराल के बाद भारत लौटने में मदद की। उन्होंने आज भारत की यात्रा की।” इसी तरह से इससे 30 मार्च को भी रियाद में बीते 24 सालों से फंसी एक भारतीय महिला की भी वापसी कराई गई थी। भारतीय दूतावास की मदद से 16 नवंबर 2023 को भी सऊदी अरब में फंसे भारतीय नागरिक बालचंद्रन पिल्लई जो कि बीते 31 वर्षों बाद भारतीय दूतावास की मदद से अपने घर वापस लौटे।
8 पूर्व नेवी अधिकारियों को भी कतर से छुड़ाया था
गौरतलब है कि इसी तरह से कतर में काम कर रहे भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कतर सरकार ने इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बाद में वहां की कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई। हालांकि, भारत सरकार ने कूटनीतिक कोशिशें शुरू की और आखिरकार उन पूर्व अधिकारियों को वहां से सुरक्षित वापस छुड़ा लिया था।
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