आबकारी घोटाले के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। पहले से ही कई मामलों में फंसे केजरीवाल के लिए नई मुसीबत प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एस.जे.एफ.) के स्वघोषित सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खड़ी की है। आतंकी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकियों से सैकड़ों करोड़ रुपये चंदा लेने के आराप लगाए हैं। वीडियो में पन्नू ने दावा किया है कि केजरीवाल ने दुर्दांत आतंकी देविंदर पाल भुल्लर को छोड़ने का वादा किया था।
अतीत में खालिस्तानी आतंकियों के साथ केजरीवाल के संबंधों को देखते हुए पन्नू के दावों को एक झटके में खारिज नहीं किया जा सकता। पन्नू पंजाब चुनाव में भी केजरीवाल की मदद करने की बात कह चुका है। उधर, ब्रिटिश सांसद प्रीत गिल के साथ आआपा सांसद राघव चड्ढा की मुलाकात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दोनों की मुलाकात को भाजपा खालिस्तान और अलगाववाद से जोड़ रही है। इसे लेकर भाजपा और आआपा में जुबानी जंग चल रही है। लेबर पार्टी की सांसद प्रीत गिल खुलकर खालिस्तानी आतंकवाद का समर्थन करती हैं। यहां तक कि उन्होंने खालिस्तानियों के लिए इंग्लैंड में चंदा उगाही भी की थी। इसके अलावा, उन्होंने लंदन में इंडिया हाउस के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शन को भी आर्थिक मदद दी थी और भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर कई पोस्ट भी लिखी थीं। वैसे तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में ‘वर्ल्ड क्लास’ स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करती है, लेकिन खुद राघव चड्ढा लंदन में आंखों की सर्जरी कराने गए हैं।
पन्नू ने क्या कहा?
आतंकी पन्नू ने अपने ढाई मिनट के वीडियो में केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। वीडियो में पन्नू ने कहा है, ‘‘अरविंद केजरीवाल खुद को ईमानदार हिंदू कहते हैं, लेकिन वह बेइमान हिंदू हैं। 2014 में जब उनके पास सत्ता नहीं थी, तब उन्होंने न्यूयॉर्क (अमेरिका) में खालिस्तानियों से मुलाकात की थी और यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के भीतर छोड़ दिया जाएगा।’’
आतंकी पन्नू ने अपने ढाई मिनट के वीडियो में केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। वीडियो में पन्नू ने कहा है, ‘‘अरविंद केजरीवाल खुद को ईमानदार हिंदू कहते हैं, लेकिन वह बेइमान हिंदू हैं। 2014 में जब उनके पास सत्ता नहीं थी, तब उन्होंने न्यूयॉर्क (अमेरिका) में खालिस्तानियों से मुलाकात की थी और यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के भीतर छोड़ दिया जाएगा।’’
पन्नू ने केजरीवाल पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि भुल्लर को तो नहीं छोड़ा गया, लेकिन पंजाब में भगवंत मान की सरकार खालिस्तानियों से बात करने वालों को प्रताड़ित कर रही है। उसका इशारा खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के स्वघोषित मुखिया अमृतपाल और उसके साथियों की ओर था। अमृतपाल अभी असम की डिब्रूगढ़ जेल में है। पन्नू ने यह भी दावा किया कि 2014-2022 के बीच भगवंत मान और केजरीवाल ने खालिस्तानियों से 16 मिलियन डॉलर यानी 133 करोड़ रुपये चंदा लिया। साथ ही, पन्नू ने केजरीवाल से ‘हिसाब चुकता’ करने की धमकी भी दी है। भुल्लर ने 1993 में दिल्ली में युवा कांग्रेस कार्यालय के पास बम विस्फोट किया था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मनजिंदर सिंह बिट्टा घायल हो गए थे। आतंकी भुल्लर अभी जेल में बंद है। उसे फांसी की सजा दी गई थी, लेकिन बाद में इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।
यह पहला मौका नहीं है, जब केजरीवाल पर खालिस्तानी आतंकियों से सांठगांठ के आरोप लगे हैं। इससे पूर्व 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल के पूर्व साथी और आआपा नेता कुमार विश्वास ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। कुमार विश्वास ने कहा था कि उन्होंने केजरीवाल को खालिस्तानियों की देशद्रोही गतिविधियों के प्रति सचेत करते हुए उनसे दूर रहने की सलाह दी थी। लेकिन केजरीवाल ने यह कह कर उनकी सलाह को हंसी में उड़ा दिया था कि ‘वह किसी प्रदेश (पंजाब) के मुख्यमंत्री नहीं बने, तो किसी (खालिस्तान) देश के पहले प्रधानमंत्री तो बन ही जाएंगे।’ कुमार विश्वास के इन आरोपों को लेकर उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की थी। राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने भी ट्वीट कर इस मुद्दे पर केजरीवाल से जवाब मांगा था। लेकिन आज वही कांग्रेस केजरीवाल के समर्थन में एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का आआपा के साथ गठबंधन है। गठबंधन के तहत कांग्रेस ने आआपा को हरियाणा में एक और दिल्ली में चार सीटें दी हैं।
खालिस्तानी आतंकियों से संबंध
2017 के विधानसभा चुनावों में मतदान से ठीक पहले केजरीवाल पर यह आरोप लगा था कि वह आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के पूर्व आतंकी गुरविंदर सिंह की कोठी में एक रात ठहरे थे। पंजाब के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एचएस बेनीपाल (एसपी, हेडक्वार्टर) ने मीडिया के समक्ष इस बात की पुष्टि की थी। आतंकी के घर केजरीवाल के रात बिताने की जानकारी मिलने के बाद वहां पुलिस को तैनात किया गया था। साथ ही, तत्कालीन डीजीपी सुरेश अरोड़ा को पूरे मामले की जानकारी दी गई थी। पुलिस के अनुसार, आतंकी गुरविंदर के रसोइये ने बताया था कि केजरीवाल अपने कुछ साथियों के साथ रात को घर पर आए थे। इंग्लैैंड में रह रहे आतंकी गुरविंदर की कोठी जीरा रोड स्थित टीचर कॉलोनी में है। उसने हिंदू-सिख दंगा भड़काने के लिए मंदिरों में गोवंशों की पूंछ काट कर फेंकी थीं। इस घटना के बाद मोगा सिटी पुलिस ने उसके खिलाफ 15 मई, 2008 को धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज किया था।
इससे पहले, आआपा ने 12 फरवरी, 2016 को चंडीगढ़ में आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला का जन्मदिन मनाने की अपील की थी। इसके लिए चंडीगढ़ में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए थे, जिन पर भिंडरावाला के साथ केजरीवाल, संजय सिंह, भगवंत मान सहित आआपा के कई नेताओं की तस्वीरें लगी थीं। पोस्टर में केजरीवाल की जो तस्वीर छपी थी, उसमें वह पीली पगड़ी पहने हुए थे। इसमें कहा गया था कि पार्टी के कार्यकर्ता 12 फरवरी को नजदीकी गुरुद्वारों में भिंडरावाला के जन्मदिन पर कार्यक्रम आयोजित करें और भिंडरावाला के दिखाए गए रास्ते पर चलें। ये पोस्टर आज भी सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे। उस समय कांग्रेस ने आआपा पर विध्वंसकारी राजनीति करने का आरोप लगाया था। उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने आआपा पर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया था। इसलिए आतंकी पन्नू द्वारा किए गए दावों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। जो केजरीवाल खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ और ‘देशभक्त’ बताते नहीं थकते हैं, उनकी ईमानदारी तो शराब घोटाले ने उजागर कर दी है।
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