नई दिल्ली । अरब सागर में नौ सशस्त्र समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के बाद भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीमों ने ईरानी जहाज एफवी अल-कंबर की जांच पूरी कर ली है। सभी डाकुओं को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए भारत लाया जा रहा है।
भारतीय नौसेना को 28 मार्च की देर शाम ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज ”अल-कंबर 786” को अरब सागर में अपहृत किए जाने की सूचना मिली थी। समुद्री डकैती के इनपुट पर भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अरब सागर में तैनात दो जहाजों को अपहृत मछली पकड़ने वाले जहाज (एफवी) को रोकने के लिए डायवर्ट कर दिया। घटना के समय भारतीय युद्धपोत आईएनएस सुमेधा अपहृत जहाज से लगभग 90 नॉटिकल मील दक्षिण पश्चिम में था। नौसेना को अपहृत ईरानी जहाज पर नौ सशस्त्र समुद्री डाकुओं के सवार होने की प्रारंभिक जानकारी मिली थी।
भारतीय युद्धपोत ने अपहृत एफवी अल-कंबर को 29 मार्च को अरब सागर में रोक लिया और जहाज समेत उसके चालक दल को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया। इसके बाद भारतीय निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल भी इस ऑपरेशन से जुड़ गया। लगभग 12 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद शुक्रवार देर रात ईरानी जहाज पर सवार समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारतीय नौसेना ने इसके बाद अपहृत जहाज को अपने कब्जे में लेने के साथ ही चालक दल के 23 पाकिस्तानी नागरिकों को समुद्री लुटेरों से सुरक्षित बचा लिया।
इसके बाद भारतीय नौसेना ने मछली पकड़ने की गतिविधियों को जारी रखने के लिए नाव को मंजूरी देने से पहले 23 पाकिस्तानी नागरिकों वाले चालक दल को पूरी तरह से चिकित्सा जांच दी। इसके बाद नौसेना की विशेषज्ञ टीमों ने एफवी की स्वच्छता और समुद्री योग्यता की जांच पूरी कर ली है।
यमन के पास सोमालियाई समुद्री डाकुओं से बचाए गए चालक दल के 23 पाकिस्तानी सदस्यों ने भारतीय नौसेना का शुक्रिया अदा किया और ”भारत जिंदाबाद” के नारे लगाए। समुद्री डकैती रोधी अधिनियम-2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए गिरफ्तार किए गए सभी नौ समुद्री लुटेरों को भारत लाया जा रहा है। इन सभी को मुंबई लाकर पुलिस के हवाले किया जाएगा।
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