शुभकामनाएं और सिसकियां
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

शुभकामनाएं और सिसकियां

होली पर दिखावटी शुभकामनाएं देने वाले समझ लें-खुद अहंकार में भरकर, दूसरे को भस्म करने की जिद ले डूबती है, क्योंकि गरीब की आह और सच की चाह, ईश्वर के कानों तक बड़ी जल्दी पहुंचती है। पाकिस्तान के आकाओं को उसके अल्पसंख्यकों की ओर से होली का शायद यही संदेश है

by हितेश शंकर
Mar 30, 2024, 02:48 pm IST
in भारत, सम्पादकीय
नाबालिग हिन्दू लड़की सोनिया का जबरन निकाह कराया गया था इस मुस्लिम से (फाइल चित्र)

नाबालिग हिन्दू लड़की सोनिया का जबरन निकाह कराया गया था इस मुस्लिम से (फाइल चित्र)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अपने देश के हिन्दू अल्पसंख्यकों को होली की बधाई
दी है।

हितेश शंकर

बधाई देते उस बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने देश की बहुभाषी, बहुजातीय और वैविध्यपूर्ण आस्था-विश्वास से भरी संस्कृति पर गर्व है।
इससे पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 700 हिंदू परिवारों को विशेष पैकेज देने की घोषणा हुई थी।

वाह! क्या कहने।
यह सब देख-सुन एक शेर याद आता है:
तेरे वादों पे कहां तक, मेरा दिल फरेब खाए।
कोई ऐसा कर बहाना, मेरी आस टूट जाए।
पाकिस्तानी राजनेता भले लाख बयान दें, चंद रुपल्ली के पैकेज का झुनझुना बजाएं, लेकिन वास्तविकता यही है कि कट्टरता के इस आंगन में अल्पसंख्यकों की आस टूटती ही रही है।

इन बयानों को सुनते हुए पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) की वह रिपोर्ट याद आती है जिसमें कहा गया था कि मुल्क में मजहबी अल्पसंख्यक अपनी पांथिक स्वतंत्रता और मान्यताओं का पालन करने (या वह लाभ उठाने, जिसकी गारंटी उन्हें संविधान में कथित तौर पर दी गई है) में सक्षम नहीं हैं। उस रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि अल्पसंख्यक समुदायों के उपासना स्थलों के साथ भेदभाव किया जाता है, युवतियों का जबरन कन्वर्जन कराया जाता है और रोजगार तक पहुंच में उनके साथ बहुत ज्यादा सौतेला व्यवहार होता है।

कट्टरता के ठोस धरातल पर केवल एक खास मजहब को मानने वालों का हित पोषण करने की बात को ध्यान में रखकर, और इसी उद्देश्य से जिस मुल्क की नींव रखी गई हो, वहां भला विविधता बच भी कैसे सकती है!

बयानों को एक ओर रख दें। पाकिस्तान के बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य के माध्यम से एक स्याही-सी फैलती नजर आती है जिसमें विविधता के रंग खोते जा रहे हैं।

हताशा, निराशा की स्याही में लिपटी ये सिसकियां पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदू समुदाय की कहानी हैं, उस समुदाय की जिसकी उपस्थिति देश के गठन के वक्त 23 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 1.8 प्रतिशत रह गई है। यह एक ऐसी करुण कथा है जिस पर पूरे विश्व का ध्यान जाना चाहिए, क्योंकि यह पूरी मानवता के सार और उसके लिए उमड़ती आशंकाओं की बात करती है।

कभी सिंध में दुकान चलाने वाले और अब भारत में नागरिकता की बाट जोहते संजय कहते हैं, ‘‘एक समय हमारे मंदिर घंटियों और आरतियों की आवाज से गूंजते थे, अब लगता है, सन्नाटा ही एक आवाज है।’’ भय और अनिश्चितता के अभी भी उठने वाले अंधड़ पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जिंदगी का हिस्सा हैं। आशंकाओं की तेज हवाएं यहां कन्वर्जन और पलायन को लगातार बढ़ावा देती हैं।

पाकिस्तान के इस नैतिक पतन की कहानी केवल इतिहास की स्याही से नहीं लिखी गई है। यह वतर्मान में भी जारी है, जबरन कन्वर्जन की कहानियां ग्रामीण क्षेत्रों में गूंजती रहती हैं।

युवा हिन्दू लड़कियों को दिनदहाड़े उठा ले जाने की घटनाएं, ऐसे षड्यंत्र रचने और राजनेताओं तक सम्पर्क रखने वाले ‘मियां मिट्ठू’ जैसे कट्टरता के पैरोकार और इस सब पर ऊंघती अदालतें पाकिस्तान की अंधेरों से भरी सचाई हैं।

भारत में नागरिकता संशोधन विधेयक और इससे जुड़ी चर्चाओं ने पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा को सामने ला दिया है और अपनी मातृभूमि में उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भले आज हिंदुओं को होली की शुभकामनाएं दें, किंतु सच यह है कि पाकिस्तान का सामाजिक ताना-बाना, लगातार तोड़ने-मरोड़ने के कारण बहुरंगी होने की बजाय बदरंग हो चला है।

2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान की आबादी में आज हिंदू केवल 1.8 प्रतिशत हैं। यह भारी गिरावट उन कारकों के बारे में मार्मिक प्रश्न उठाती है जिन्होंने इस तरह के जनसांख्यिक बदलाव में योगदान दिया है।

विभाजन के साथ हुई हिंसक उथल-पुथल ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मन में एक ऐतिहासिक भय भर दिया था। 1965 और 1971 के युद्धों ने आशंकाओं और इस दबाव को और अधिक बढ़ा दिया। हालांकि, हिंदू आबादी की गिरावट को केवल ऐतिहासिक संघर्षों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सामयिक मुद्दे, जैसे कि जबरन कन्वर्जन, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, लगातार चिंता का विषय रहे हैं।

नाबालिग हिन्दू लड़कियों तक का जबरन कन्वर्जन करके अधेड़ उम्र के मुसलमानों से उनका जबरन निकाह कराए जाने की खबरें पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों से बार-बार सामने आती हैं।
पाकिस्तान का राजनीतिक परिदृश्य इन जनसांख्यिक परिवर्तनों से पूरी तरह अछूता नहीं रहा है। कुछ सामाजिक और राजनीतिक नेताओं के उत्तेजक बयान अक्सर विविधता के प्रति बिगड़ते दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

भारत में नागरिकता संशोधन विधेयक और इससे जुड़ी चर्चाओं ने पाकिस्तानी हिंदुओं की दुर्दशा को सामने ला दिया है और अपनी मातृभूमि में उनके सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भले आज हिंदुओं को होली की शुभकामनाएं दें, किंतु सच यह है कि पाकिस्तान का सामाजिक ताना-बाना, लगातार तोड़ने-मरोड़ने के कारण बहुरंगी होने की बजाय बदरंग हो चला है।

याद रखिए, समाज और नागरिकों का स्वरूप ही किसी देश की शक्ति को परिभाषित करता है।
इस कसौटी पर पाकिस्तान को देखें तो पाएंगे कि पिछले 7 दशकों में लगातार कबाइली सोच की तरफ बढ़ता और अक्खड़ तेवर दिखाता यह देश अपनी बहुमूल्य सामाजिक निधि यानी ‘विविधता’ को लगभग खो ही चुका है।

इसके साथ-साथ भ्रष्टाचार में डूबे और जवाबदेही से मुक्त परिवारवादी शासन ने पाकिस्तान के भविष्य के लिए और गंभीर संकट खड़े किए हैं।

अस्तित्व को चुनौती देते ऐसे कारकों के बीच राजनीतिक अस्थिरता पाकिस्तान के भविष्य की सम्भावनाओं को और अधिक जटिल या कहिए, धूमिल बना देती है।

विभाजन के समय पाकिस्तान संसाधनों की दृष्टि से सम्पन्न था, किन्तु कट्टरवादी आग्रह और अहंकार ने उसे ‘अजेय’ होने के भ्रम से भर दिया—होलिका को भी अग्नि के सामने ‘अजेय’ होने का ऐसा ही अहंकार था!

होली पर दिखावटी शुभकामनाएं देने वालों को इसका दार्शनिक-आध्यात्मिक पक्ष भी जान लेना चाहिए: खुद अहंकार में भरकर, दूसरे को भस्म करने की जिद ले डूबती है, क्योंकि गरीब की आह और सच की चाह, ईश्वर के कानों तक बड़ी जल्दी पहुंचती है।
पाकिस्तान के आकाओं को उसके अल्पसंख्यकों की ओर से होली का शायद यही संदेश है।

@hiteshshankar

Topics: पाञ्चजन्य विशेषपाकिस्तान मानवाधिकार आयोगभारत में नागरिकता संशोधन विधेयकMinor Hindu girlsकन्वर्जनहिंदू परिवारप्रधानमंत्री शाहबाज शरीफForced conversion
Share11TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

व्हेल और डॉल्फिन : महासागर के महारथियों का अद्भुत संसार

निर्माण कार्य नें लगे लोगों और पुलिस पर पथराव करती मुस्लिम महिलाएं

जैसलमेर के बासनपी गांव में वीरों की छतरियों का पुनर्निर्माण कर रहे लोगों पर उन्मादी मुसलमानों का हमला

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक जयंती पर विशेष : स्वराज के संघर्ष ने बनाया ‘लोकमान्य’

10 हजार साल पुराना है भारत का कृषि का ज्ञान-विज्ञान, कपड़ों का निर्यातक भी था

न्यायपालिका : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी भी व्यक्ति की भावनाओं के साथ खिलवाड़ सहन नहीं

वामपंथियों ने इतिहास से की थी छेड़छाड़, सिख शहादत पाठ्यक्रम शुरू होना सराहनीय

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मोहम्मद यूनुस ने आखिर ऐसा क्या किया जो लोग कह रहे हैं- भीख मांग रहा बांग्लादेश

Sawan Shivratri 2025

Sawan 2025: सावन शिवरात्रि आज, जानें पूजा विधि और भोलेनाथ को प्रसन्न करने के उपाय

MiG-21: पाक पर 500 KG बम गिराने वाला लड़ाकू विमान विदाई की ओर…. इसकी 15 खासियतें

ITR Filing Last date

ITR Filing Last Date: क्या है ITR फाइल करने की आखिरी तारीख? जानिए लेट फाइलिंग पर कितना लगेगा जुर्माना

व्हेल और डॉल्फिन : महासागर के महारथियों का अद्भुत संसार

ब्रिटिश-अफ्रीकी यूट्यूबर सेंजो न केवल धर्म का उपहास उड़ाते हुए मांस खा रहा था, बल्कि उसने वहां बैठी महिलाओं और अन्य भक्त कर्मचारियों को भी वह खाने की पेशकश की

लंदन इस्कॉन के रेस्टोरेंट में बेशर्मी से मांस खाने वाले के विरुद्ध लोगों का भड़का गुस्सा, अब दोषी मांग रहा माफी

Suprime Court

सुप्रीम कोर्ट करेगा राष्ट्रपति के 14 सवालों पर विचार

निर्माण कार्य नें लगे लोगों और पुलिस पर पथराव करती मुस्लिम महिलाएं

जैसलमेर के बासनपी गांव में वीरों की छतरियों का पुनर्निर्माण कर रहे लोगों पर उन्मादी मुसलमानों का हमला

Kanwar Yatra

कांवड़ मेला: 4 करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, मेले के बाद भी नहीं थम रहा आस्था का सैलाब

आज का इतिहास

“तारीख बोल उठी”, जानिये 23 जुलाई का इतिहास: आज ही के दिन गूंजी थी “आकाशवाणी”

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies