‘रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया’ मालदीव पर यह बात अच्छे से लागू होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत से हजारों करोड़ का कर्ज लेने के बाद भी वहां के चीन समर्थित राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने अपने भारत विरोधी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में सैन्य ड्रोन खरीद को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने विपक्ष की आलोचना करना शुरू कर दिया। उन्होंने परोक्ष रूप से भारत के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह एक देश के राजदूत के कहने पर काम करते थे।
उन्होंने ये बात अपने देश के सरकारी मीडिया संस्थान पब्लिक सर्विस मीडिया (PSM) न्यूज से बात करते हुए कही। दरअसल, मालदीव में संसदीय चुनाव होने हैं। ऐसे में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। इसी का जबाव देने के लिए गुरुवार को मोइज्जू का यह इंटरव्यू प्रसारित किया गया।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि हाल ही में मोइज्जू ने अपने देश की सुरक्षा के लिए तुर्की से ड्रोन खरीदे हैं, जिसकी खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा है। इसी को लेकर इंटरव्यू में जब मोइज्जू से सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने कामकाज के बारे में बताने की जगह पूर्ववर्ती सरकार पर ही निशाना साधना शुरू कर दिया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह पर सवाल उठाते हुए कहा कि एमडीपी 2018-23 तक प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में रही, लेकिन वह देश की सुरक्षा करने में नाकाम रही। इसे विदेशी हाथों में छोड़ दिया।
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उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने एक विदेशी राजदूत के कहने पर काम किया, जिससे देश को काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत की तरफ था।
इंडिया फर्स्ट नीति की थी लागू
उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है। उन्होंमे इंडिया फर्स्ट नीति को लागू किया था। इसके तहत भारत सरकार ने मालदीव के विकास के लिए अरबों डॉलर का निवेश मालदीव में किया था। जबकि, मोइज्जू को प्रो चाइना माना जाता है। उन्होंने मालदीव में इंडिया आउट कैंपेन चलाया था।
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