गत 26 मार्च को रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ब्रह्मलीन हो गए। 95 वर्षीय स्वामी जी कुछ सप्ताह से बीमार थे। उनके ब्रह्मलीन होने पर रामकृष्ण मिशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि स्वामी जी को कुछ समय से मूत्र संबंधी समस्या हो रही थी।
इस कारण 29 जनवरी को उन्हें रामकृष्ण सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती कराया गया था। इसके बाद भी उनके स्वास्थ्य में गिरावट आती रही। इसे देखते हुए 3 मार्च से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। इन प्रयत्नों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। वे 2017 में रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष बने थे।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष श्रद्धेय श्रीमंत स्वामी स्मरणानंद जी महाराज ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
उन्होंने अनगिनत दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। वर्षों से मेरा उनसे बहुत घनिष्ठ संबंध रहा। मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद है, जब मैंने उनसे बात की थी।
कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में भी मैंने अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। मेरी संवेदनाएं बेलूर मठ के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। शांति।’’
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