दुमका। दुमका में नाबालिग अंकिता पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने वाले हैवानों को उम्रकैद की सजा मिली है। प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो रमेश चंद्रा की अदालत ने गुरुवार को दोषी शाहरुख हुसैन और मो नईम अंसारी उर्फ छोटू को उम्रकैद की सजा सुनाई। 19 मार्च को अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया था।
सुनवाई से पहले 3:16 बजे मृतका के पिता, बहन और जीजा कोर्ट पहुंचे। 3:58 बजे सेंट्रल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों दोषियों की पेशी हुई। दुमका कोर्ट में इस मामले में स्पीडी ट्रायल चला। 51 लोगों की गवाही हुई। इसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
23 अगस्त 2022 को नाबालिग लड़की दुमका के जरुवाडीह मोहल्ले में अपने घर में सोई हुई थी। इसी दौरान सुबह करीब पांच बजे पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिड़की से पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। परिजन उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। प्राथमिक इलाज के बाद रिम्स रेफर कर दिया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
शाहरुख उसे पिछले दो साल से परेशान कर रहा था। लड़की ने इसकी शिकायत अपने पिता से की थी, लेकिन समाज में बदनामी के डर से उन्होंने आगे कदम नहीं उठाया। इसके बाद जब शाहरुख ज्यादा परेशान करने लगा तो वो पुलिस में शिकायत करने पहुंचे, लेकिन शाहरुख के बड़े भाई ने मांफी मांग ली और कहा कि वो अब ऐसा नहीं करेगा। कुछ दिन शांत रहने के बाद उसकी हरकतें फिर शुरू हो गईं।
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