बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के दो अभियुक्त पूर्व विधायक मोहम्मद खालिद अज़ीम उर्फ अशरफ एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद की भी हत्या हो चुकी है। इस हत्याकांड के अन्य सात अभियुक्तों को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। हत्याकांड में शामिल फरहान, आबिद , अब्दुल कवि, जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन को सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि अतीक अहमद इलाहाबाद के शहर पश्चिमी विधानसभा से पांच बार विधायक चुना गया था। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अतीक अहमद को इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। अतीक अहमद चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हुआ। उसके सांसद चुने जाने के बाद शहर पश्चिमी विधानसभा रिक्त हो गयी। सपा ने शहर पश्चिमी विधानसभा के उप चुनाव में अतीक अहमद के भाई अशरफ को प्रत्याशी बनाया। प्रदेश में सपा का राज था, उप चुनाव में सपा का प्रत्याशी अशरफ चुनाव हार गया। करीब डेढ़ दशक के बाद इस विधानसभा का इतिहास बदल था। जिस शहर पश्चिमी विधानसभा से अतीक अहमद पांच बार विधायक रह चुका था। उस पर उसका भाई उप चुनाव में हार गया था। इस उप चुनाव में बसपा के राजू पाल विधायक निर्वाचित हुए।
चुनाव के बाद दोनों तरफ से तनातनी बढ़ने लगी। बसपा विधायक राजू पाल ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी कि उनके ऊपर जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले के लिए राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को नामजद भी किया था। अतीक अहमद का आपराधिक इतिहास अगर लंबा चौड़ा था तो राजू पाल के ऊपर भी करीब एक दर्जन से जादा आपराधिक मामले दर्ज थे। विधायक का चुनाव लड़ने से पहले उसके ऊपर भी जानलेवा हमला हो चुका था जिसमे उसकी आंत को काट कर छोटा किया गया था तब जाकर वो स्वस्थ हो पाया था।
राजू पाल के विधायक बनने के बाद दो बार जानलेवा हमला हुआ। दोनों बार अतीक अहमद ने यह कहा कि “राजू पाल की पुरानी दुश्मनी के कारण उस पर हमला हो रहा है। राजू पाल हम लोगों को जानबूझकर कर फंसा रहा है।” बहरहाल, 25 जनवरी को हुए हमले में राजू पाल की हत्या हो गई थी। इस हत्याकांड में अतीक और उसके भाई को भी नामजद किया गया था।
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