नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की रिमांड और बढ़ा दी है। केजरीवाल की ईडी रिमांड आज समाप्त हो रही थी। इस पर उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया तथा 7 दिन की और रिमांड मांगी गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल तक ईडी रिमांड पर भेज दिया है।
दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी हिरासत में भेजा था। ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के मुख्य साजिशकर्ता (किंगपिन) हैं। आज ईडी ने कहा कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। वह सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी की महत्वपूर्ण दलीलें
- 10 करोड़ की रिश्वत से 45 करोड़ रुपये गोवा भेजे गए
- पांच दिनों तक अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की गई लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं मिले
- अरविंद केजरीवाल के घर पर छापेमारी की गई तो पांच गैजेट सीज किये गए, केजरीवाल इन गैजेट के पासवर्ड नहीं दे रहे। इसके लिए तकनीकी मदद ली जा रही है
- अभी कई लोगों के बयानों से आमना सामना कराया जाना बाकी है
- जो उम्मीदवार गोवा में चुनाव लड़े थे उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव में खर्च किए गए पैसे शराब घोटाले से आए थे
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट से भी अरविंद केजरीवाल को झटका लग चुका है। उन्होंने ईडी की हिरासत और गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई और उन्हें कोई राहत नहीं मिली। वहीं हाई कोर्ट ने ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। केजरीवाल का कहना है कि वे वर्तमान सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
ये है ईडी का आरोप
ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाला के मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चला है कि केजरीवाल दो ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे। ईडी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कविता से मुलाकात की थी। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया। रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल हवाला के जरिये गोवा चुनाव में किया गया।
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