बिहार में होली के विविध रंग
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत बिहार

बिहार में होली के विविध रंग

आज बिहार में होली खेली जा रही है। यहां की सप्तरंगी होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

by संजीव कुमार
Mar 26, 2024, 10:28 am IST
in बिहार
पटोरी की छाता होली

पटोरी की छाता होली

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बिहार में होली का सतरंगी कलेवर देखने को मिलता है। कहीं छाता होली का प्रचलन है, तो कहीं फूलों की होली का। धुरखेल और ढोलक की थाप पर जब होली खेलती टोली निकलती है तो मुर्दा दिलों में भी थिरकन आ जाती है। हालांकि बदलते दौर का प्रभाव भी होली पर देखने को मिल रहा है। मिथिला, भोजपुरी भाषी एवं मगध प्रदेश में होली के अलग-अलग अंदाज हैं।

मिथिला के बनगांव की घुमौर होली, भोजपुरी भाषी क्षेत्र में धुरखेल होली, मगध क्षेत्र में बुढ़वा मंगल होली, वहीं समस्तीपुर में छाता पटोरी होली मनाने का प्रचलन है। पटना में दूसरे राज्‍यों से आए लोगों के साथ वहां की होली भी आई है। पटना में विभिन्न प्रदेशों की होली के रंग भी दिख जाते हैं।

पटोरी की छाता होली

समस्तीपुर के पटोरी प्रखंड में होली का एक विशेष रंग देखने को मिलता है। यहां के धमौन में छाता होली खेली जाती है। धमौन पटोरी प्रखंड अंतर्गत है, इसीलिए इसका नाम दिया गया है छाता पटोरी होली। इसमें बांस के बड़े-बड़े छाते तैयार किए जाते हैं। उन छातों को रंगीन कागज से सजाया जाता है। एक छाता बनाने में 5 हज़ार रु से अधिक की लागत आती है। इन छातों में सन्देश भी लिखा रहता है। इसका प्रारम्भ 16 वी सदी से माना जाता है, लेकिन 1930 ई. से इन छतरियों को नया स्वरूप प्रदान किया गया। पहली सुसज्जित छतरी नबुदी राय के घर से निकाली गई थी।
धमौन में यादवों की बड़ी बस्ती है। उनके कुल देवता निरंजन स्वामी हैं। यहां उनके कुल देवता का मंदिर भी है। सबसे पहले उनको यहां गुलाल चढ़ाया जाता है। उसके बाद सभी एक—दूसरे को रंग और ग़ुलाल लगाते हैं। इस दौरान इन छातों को घुमाया भी जाता है। एक—दूसरे के रंग से बचने के लिए इन छातों का उपयोग भी किया जाता है। इन छातों के साथ लोग फाग गाते हुए यहाँ के मंदिरों में अबीर और ग़ुलाल चढ़ाते हैं। अनुमानतः इस छाता होली में लगभग 70 हज़ार से अधिक लोग सम्मिलित होते हैं। यह परम्परा वर्षों पुरानी है।

बनगांव की घुमौर होली

बनगांव की घुमौर होली
बनगांव की घुमौर होली

मिथिला क्षेत्र में सहरसा के बनगांव की घुमौर होली ब्रज की तरह ही प्रसिद्ध है। यहां हजारों की संख्या में लोग जुटकर घुमौर होली खेलते हैं। इस दौरान एक—दूसरे के कंधे पर चढ़कर जोर आजमाइश भी करते हैं। देवी मंदिर के चारों तरफ घूम-घूम के होली खेलने की वजह से इसे घुमौर होली कहा जाता है।
मान्‍यता है कि इसकी परंपरा भगवान श्रीकृष्‍ण के काल से ही चली आ रही है। इस होली का स्वरूप 18वीं सदी में यहां के प्रसिद्ध संत लक्ष्मीनाथ गोसाईं ने तय किया था। इस होली का दृश्य अद्भुत होता है। सबसे पहले गांव के सारे लोग भगवती स्थान पर जुटते हैं। वहां से युवा दो भागों में बंट जाते हैं। वे खुले बदन गांव में घूमते हैं। होली के दिन गांव के निर्धारित स्‍थलों (बंगलों) पर होली खेलने के बाद जैर (रैला) की शक्ल में भगवती स्थान पहुंचते हैं। वे वहां गांव की सबसे ऊंची मानव श्रृंखला बनाते हैं। गांव के झरोखे से मां बहनें रंग उड़ेलती हैं। इस दौरान लोग संत लक्ष्मीपति रचित भजनों को गाते रहते हैं। होली खेलने और शक्ति प्रदर्शन के बाद बाबाजी कुटी में आकर होली समाप्त हो जाती है।

मगध की बुढ़वा होली

मगध की धरती पर होली के अगले दिन बुढ़वा मंगल होली मनाने का रिवाज है। उसी दिन झुमटा भी निकाला जाता है। झुमटा निकालने वाले लोग होली के गीतों को गाते हुए अपनी खुशी प्रकट करते हैं। मगध की होली में कीचड़-गोबर और मिट्टी का भी महत्व होता है। होली के दिन सुबह में लोग मिट्टी-कीचड़ आदि लगा कर होली का आरंभ करते हैं। इसके बाद दोपहर में रंग और फिर शाम में गुलाल लगाने की परंपरा है। मगध क्षेत्र के नवादा, गया, औरंगाबाद, अरवल और जहानाबाद आदि जगहों पर बुढ़वा होली मनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मगध का कोई जमींदार होली के दिन बीमार था। इसलिए लोगों ने होली नहीं मनाई। संयोगवश होली के दूसरे दिन वे स्वस्थ हो गए। प्रजा ने खुशी में जमींदार के संग बुढ़वा होली खेली। उस समय से यह परम्परा चल निकली।

भोजपुरी क्षेत्र की धुरखेल होली

भोजपुरी की प्रसिद्ध लोक गायिका मनीषा श्रीवास्तव कहती हैं कि इस क्षेत्र में होली की एक अलग मिठास है। होलिका दहन के दिन कुल देवता को बारा चढ़ाने के साथ पूजा की जाती है। इसके बाद होलिका दहन होता है। होली गीत गाने के साथ होलिका की चारों ओर परिक्रमा करते हैं। होली की सुबह गांव के लोग होलिका दहन की राख एक-दूसरे को लगाकर हवा में उड़ाते हैं। धुरखेल के साथ होली खेलने की परम्परा हैं पुरुष एक-दूसरे के घर जाकर उनके दरवाजे पर होली के गीत गाकर शुभकामना देते हैं। देवी स्थान जाकर होली गीतों को विराम देने के साथ चैती गीत गाने का आरंभ करते हैं।

Topics: Bihar NewsbiharHoliholi 2024
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर (मुस्लिम युवक ने हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन और गोमांस खाने का बनाया दबाव)

हिंदू बनकर शमशाद ने युवती से बनाए संबंध, फिर बोला- धर्मांतरण करो, गोमांस खाओ तब करूंगा निकाह

काम्या मिश्रा

22 की उम्र में IPS बनीं, 28 की उम्र में दिया इस्तीफा: जानिए बिहार की ‘लेडी सिंघम’ काम्या मिश्रा की कहानी

एक पत्थरबाज की तस्वीर जिसके हाथों में पत्थर है।

दरभंगा का कुशेश्वरस्थान बन रहा है ‘ मिनी पाकिस्तान ‘

इफ्तार पार्टी को लेकर फतवा जारी

इफ्तार और फतवों में फंसी बिहार की राजनीति

मुस्लिम आरोपियों पर कथित दलित संगठन चुप क्यों?

प्रतीकात्मक चित्र

मेरठ IIMT विश्वविद्यालय में होली पर नमाज मामले में खालिद प्रधान गिरफ्तार, 3 सुरक्षाकर्मी सस्पेंड

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies