देहरादून । कांग्रेस ने नैनीताल और हरिद्वार सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए, कांग्रेस बीजेपी दोनो ने सभी सीटों पर एक ही जाति के उम्मीदवार उतार कर कोई जोखिम नहीं लिया नही तो आम तौर पर बीजेपी और कांग्रेस ब्रहामण ठाकुर प्रत्याशियों में मुकाबला कराते आए है। राज्य में पहले चरण में 19 अप्रैल को चुनाव होना है जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अल्मोड़ा से बीजेपी के अजय टम्टा अपना नामांकन दाखिल कर चुके है और हरिद्वार से त्रिवेंद्र रावत ने डिजिटल नामांकन दाखिल किया है। बीजेपी प्रत्याशी 27 मार्च तक सभी सीटों पर अपने अपने पर्चे दाखिल कर देगी।
हरिद्वार लोकसभा
हरिद्वार लोक सभा सीट पर हरीश रावत ने अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को टिकट दिलाया है, हरिद्वार ग्रामीण विधान सभा सीट पर उनकी पुत्री अनुपमा रावत विधायक है। हरीश रावत भी अब उत्तराखंड में परिवारवाद की राजनीतिक आरोपों से घिर चुके है।
हरिद्वार में अभी तक ब्राह्मण डा रमेश पोखरियाल का मुकाबला ठाकुर हरीश रावत से हुआ है दो बार हरीश रावत यहां लोकसभा चुनाव हार चुके है। इस बार बीजेपी ने ठाकुर त्रिवेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया है यानि ईएस बार मुख्य मुकाबला ठाकुर बनाम ठाकुर ही होने जा रहा है। बीएसपी ने भावना पांडे को टिकट दिया है, जबकि खान पुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार भी चुनाव में उतर गए है। उमेश कुमार पंजाबी है और ग्रामीण क्षेत्र में खासा जनाधार रखते है।
नैनीताल लोकसभा
नैनीताल से कांग्रेस ने लोकसभा का टिकट प्रकाश जोशी को दिया है, प्रकाश जोशी राहुल गांधी के करीबी नेता माने जाते है और वो कालाढूंगी विधानसभा से चुनाव हारते रहे है। नैनीताल सीट पर भी कांग्रेस ने बीजेपी के ब्रहामण नेता अजय भट्ट के मुकाबले पिछली बार की तरह ठाकुर नेता नही उतारा और इस बार ब्रहामण प्रकाश जोशी को टिकट दे दिया।
आम चर्चा ये है कि कांग्रेस ने बीजेपी को वॉक ओवर दे दिया। श्री भट्ट, केंद्र के रक्षा राज्य मंत्री है और पिछली बार रिकार्ड मतों से लोकसभा में पहुंचे थे। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस बीजेपी के बीच ही रहेगा।
टिहरी लोकसभा
टिहरी लोकसभा पर ठाकुर राजघराने का कब्जा रहा है इस बार भी बीजेपी ने महारानी माला राज्यलक्ष्मी को टिकट दिया है और कांग्रेस ने भी ठाकुर जोत सिंह को टिकट देकर एक बार बीजेपी की राह आसान कर दी है। महारानी यहां चार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है जबकि उनके स्वर्गीय ससुर टिहरी महाराज मानवेंद्र शाह आठ बार लोकसभा चुनाव जीते थे। राजघराने का टिहरी की जनता बेहद सम्मान करती है,ऐसा कहा जाता था कि राजा मानवेंद्र शाह बिना चुनाव प्रचार के ही जीत जाते थे,वो जहां से गुजरते थे लोग उस मिट्टी को माथे पर लगाते थे और उन्हे चलता फिरता बद्री अवतार माना जाता था।आज भी भगवान बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि टिहरी राज दरबार में निकाली जाती है।
अल्मोड़ा रिजर्व सीट
इस अनुसूचित जाति आरक्षित सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने अजय टम्टा को टिकट दिया है,अजय टम्टा केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके है। जबकि कांग्रेस ने पूर्व राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा को मैदान में उतारा है।प्रदीप टम्टा पहले यहां चुनाव लड़ चुके है। यहां इन्ही दोनो के बीच चुनावी संघर्ष होगा।
पौड़ी गढ़वाल सीट
बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी यहां पहली बार लोकसभा चुनाव लडेंगे वो 2002 में कोटद्वार से विधान सभा का चुनाव हार गए थे,उसके बाद से वो बीजेपी में संगठन के ही काम देखते रहे। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी होने का फायदा श्री बलूनी को मिला और वे लोकसभा के प्रत्याशी घोषित हुए, इससे पहले वो छ साल राज्य सभा सदस्य भी रहे। ब्रहामण श्री बलूनी के मुकाबले कांग्रेस के ब्रहामण नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मैदान में है इन दोनो युवाओं के बीच सबसे दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। बीजेपी ने यहां वर्तमान बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी सहित कई पूर्व विधायको को अपने पाले में कर लिया है। कांग्रेस में बची भगदड़ से पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा है।
उत्तराखंड की तस्वीर साफ
बरहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर घोषित हो जाने से चुनावी तस्वीर साफ हो गई है।राजनीतिक जानकर ये मान रहे है कि इस बार फिर से बीजेपी पांचों सीटों पर विजय श्री हासिल करेगी। कांग्रेस के उम्मीदवार और कार्यकर्ता ,राज्य में बने हुए माहौल से भयभीत इसलिए भी है कि यहां पिछले दो सालों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने भी उत्तराखंड के लोगो के दिलो में जगह बनाई है। उनके सख्त और दूरगामी फैसलों से राज्य में बीजेपी का ग्राफ और तेज़ी से बढ़ा है।
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