नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टार्टअप महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि 45 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। हमारी युवा शक्ति की नवोन्मेषी भावना से संचालित भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र अभूतपूर्व गति से फल-फूल रहा है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आमतौर पर कारोबारी दिमाग सोचता है कि चुनाव नजदीक हैं, जब नई सरकार सत्ता में आएगी तब देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा हो चुकी है और उसके बावजूद आपने इतना बड़ा आयोजन किया है। इसका मतलब है कि आप जानते हैं कि अगले पांच साल में क्या होने वाला है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाऊंगा। उन्होंने कहा, मैं यहां भविष्य के उद्यमियों और यूनिकॉर्न को देख रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना तंज कसा कि स्टार्टअप लॉन्च तो बहुत लोग करते हैं, राजनीति में तो ये बहुत ज्यादा होता है और बार-बार लॉन्च करना पड़ता है। आप में और उनमें फर्क ये है कि आप लोग प्रयोगशील होते हैं, एक अगर लॉन्च नहीं हुआ तो तुरंत दूसरे पर चले जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब देश 2047 के विकसित भारत के रोडमैप पर काम कर रहा है, ऐसे समय में मुझे लगता है कि इस स्टार्टअप महाकुंभ का बहुत महत्व है। बीते दशकों में हमने देखा है कि भारत ने कैसे आईटी और सॉफ्टवेयर सेक्टर में अपनी छाप छोड़ी है। अब हम भारत में इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर का ट्रेंड लगातार बढ़ता हुआ देख रहे हैं। भारत आज अगर ग्लोबल स्टार्ट-अप स्पेस के लिए नई उम्मीद, नई ताकत के रूप में उभर रहा है तो इसके पीछे एक सोची समझी दृष्टि आ रही है। भारत ने सही समय पर सही निर्णय लिए हैं। सही समय पर स्टार्ट-अप्स को लेकर काम शुरू हुआ।
स्टार्टअप इकोसिस्टम की बदलती मानसिकता पर मोदी ने कहा कि भारत के युवाओं ने नौकरी चाहने वाले के बजाय नौकरी निर्माता बनने का रास्ता चुना है। भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य आज पूरी दुनिया देख रही है। इस सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए देश ने स्टार्टअप इकोसिस्टम निर्माण की तरफ अनेक कदम उठाए हैं। भारत ने स्टार्टअप-20 के तहत दुनिया भर के लिए इकोसिस्टम को एक साथ लाने का प्रयास किया है। इसी भारत मंडपम में जी-20 के दिल्ली घोषणापत्र में पहली बार स्टार्टअप को न सिर्फ शामिल किया गया, बल्कि उन्हें विकास का प्राकृतिक इंजन भी माना गया।
स्टार्ट-अप को डिजिटल इंडिया द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहन को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी प्रेरणा है और सुझाव दिया कि कॉलेज इसे एक केस स्टडी के रूप में लें। उन्होंने उल्लेख किया कि यूपीआई फिन-टेक स्टार्ट-अप के लिए समर्थन का एक स्तंभ बन गया है जो देश में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए नवीन उत्पादों और सेवाओं के विकास का नेतृत्व करता है।
उन्होंने कहा कि देश ने इनोवेटिव विचारों को एक मंच के तहत लॉन्च किया, जिसमें फंडिंग के आंकड़े जुड़े हुए हैं। डॉक्यूमेंट रिसर्च में इनक्यूबेटर की स्थापना का अभियान भी चलाया गया और उसके बाल वाटिका के रूप में हमने ‘अटल टिंकरिंग लैब’ की शुरुआत की। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम केवल मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं है, यह अब एक सामाजिक संस्कृति बन गया है। भारत की स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व आज देश के छोटे शहरों के युवा कर रहे हैं। आज एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल, मेडिसिन, ट्रांसपोर्ट, स्पेस और यहां तक कि योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं। अंतरिक्ष के 50 से अधिक सेक्टरों में भारत के चित्र बहुत अच्छे काम कर रहे हैं। पहले से ही हमारे परीक्षण अंतरिक्ष शटल लॉन्च किए गए हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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