गत दिनों विश्व व्यापार संगठन द्वारा आबू धाबी में मंत्री स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें भारत सरकार ने जिस तरीके से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए देश के किसानों एवं मछुआरों के हितों की रक्षा की है, उसे लेकर किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान संघ ने भारत सरकार की सराहना की है।
किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सम्मेलन में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए थे।
श्री गोयल ने देश में खाद्यान्न सुरक्षा के लिए पर्याप्त खाद्यान्नों का भंडारण और उसके लिए किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदारी करना, मछुआरों के लिए आर्थिक सहायता देने जैसे विषयों पर भारत सरकार के दृढ़ निश्चय को विश्व के समक्ष रखा।
इसे अन्य देशों का समर्थन मिलना भारत की कूटनीतिक जीत को प्रदर्शित करता है। मोहिनी मोहन मिश्र ने आगे कहा कि भारतीय किसान संघ की मांग रही है कि बाजार के भाव नियंत्रण के साथ-साथ आयात-निर्यात नीति किसान हितैषी बने।
इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्याज एवं गैर बासमती चावल के निर्यात पर जारी प्रतिबंधों के बीच बांग्लादेश को 50,000 टन प्याज, संयुक्त अरब अमीरात को 14,400 टन प्याज, तंजानिया को 30,000 टन गैर बासमती तथा जिबूती गिनी बिसाउ देश को 80,000 टन टूटे चावल के निर्यात की अनुमति दी है।
निर्यात पर प्रतिबंध के बीच में भारत सरकार का यह निर्णय देश के प्याज व गैर बासमती उत्पादक किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। किसान हितैषी नीति और निर्णयों के संदर्भ में भारतीय किसान संघ हमेशा सरकार के साथ है।
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