उत्तराखंड: धामी कैबिनेट में वन पंचायत संशोधन नियमावली को मिली मंजूरी, जानें क्या होंगे बदलाव
May 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड: धामी कैबिनेट में वन पंचायत संशोधन नियमावली को मिली मंजूरी, जानें क्या होंगे बदलाव

उत्तराखण्ड में वन पंचायतों को मजबूत और स्वावलम्बी बनाने के लिए धामी कैबिनेट ने वन पंचायत संशोधन नियमावली को मंजूरी दी है।

by दिनेश मानसेरा
Mar 17, 2024, 12:01 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून: उत्तराखण्ड में वन पंचायतों को मजबूत और स्वावलम्बी बनाने के लिए धामी कैबिनेट ने वन पंचायत Van Panchayat संशोधन नियमावली को मंजूरी दी है। इसके लिए वन पंचायत Van Panchayat के ब्रिटिश काल British period के अधनियमों में संशोधन किया गया है। नई नियमावली के तहत अब नौ सदस्यीय वन पंचायत का गठन किया जाएगा, जिसके पास जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्ष रोपण, जल संचय, वन अग्नि रोकथाम, इको टूरिज्म में भागीदारी के अधिकार होंगे, इससे वन पंचायतों की आय में अभूतपूर्व वृद्धि होने की संभावना है। सबसे अहम बात है कि पहली बार त्रिस्तरीय स्थानीय निकायों को भी वन पंचायत के वन प्रबंधन से जोड़ा गया है।

उत्तराखंड भारत का एक मात्र राज्य है जहां वन पंचायत व्यवस्था लागू है। यह एक ऐतिहासिक सामुदायिक वन प्रबंधन संस्था है जो वर्ष 1930 से संचालित हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच है कि वन पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए। उनके दिशा निर्देश पर वन पंचायत प्रबंधन के 12 साल बाद बदलाव किए गए हैं।

मौजूदा समय में प्रदेश में कुल 11217 वन पंचायतें गठित हैं जिनके पास 4.52 लाख हैक्टेयर वन क्षेत्र है। वन पंचायत नियमावली में किए गए संशोधन के बाद अब प्रत्येक वन पंचायत 9 सदस्यीय होगी। इसमें एक सदस्य ग्राम प्रधान द्वारा और एक सदस्य जैवविविधता प्रबंधन समिति द्वारा नामित किया जायेगा। ऐसी वन पंचायतें जो नगर निकाय क्षेत्र में आती है वहां नगर निकाय प्रशासन द्वारा एक सदस्य को वन पंचायत में नामित किया जायेगा।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच है कि वन पंचायतें स्वतंत्र रूप से अपनी उपज का विपणन करें। इस दिशा में जो नियमावली बनाई गई है उसमें वन पंचायतों को अपने अपने क्षेत्रों में जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्ष रोपण, जल संचय, वन अग्नि रोकथाम, इको टूरिज्म में भागीदारी का अधिकार मिलेगा। इससे उन्हें होने वाली आय को वे वनों के रख रखाव में लगा सकेंगे। इतना ही नहीं नए नियमों के तहत अब वन पंचायतों को मजबूत करने के लिए उन्हें गैर प्रकाष्ठीय वन उपज जैसे फूल पत्ती जड़ी-बूटी, झूला घास आदि के रवन्ने अथवा अभिवहन पास जारी करने का अधिकार दिया गया है, इससे प्राप्त शुल्क को भी वन पंचायतों को अपने बैंक खाते में जमा करने का अधिकार होगा। वन पंचायतें अभी तक ग्रामसभा से लगे अपने जंगलों के रखरखाव, वृक्षारोपण, वनाग्नि से बचाव आदि का काम स्वयं सहायता समूह या सहकारिता की तरह करती आई हैं लेकिन इसका प्रबंधन डीएफओ के स्तर से किया जाता था। अब वन पंचायतों के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए गए हैं।

इसके अलावा, वन पंचायतों को वन अपराध करने वालों को से जुर्माना वसूलने जाने का अधिकार भी पहली बार धामी सरकार द्वारा दिया जा रहा है। वन पंचायतों को सीएसआर फंड अथवा अन्य स्रोतों से मिली धनराशि को उनके बैंक खाते में जमा करने का अधिकार दिए जाने की भी व्यवस्था नये नियमावली में की गई है, जिससे वन पंचायतों की आर्थिक स्तिथि को मजबूत किया जा सकेगा। नई नियमावली में न सिर्फ वन पंचायतों के अधिकार बढ़ाये गये हैं बल्कि वन पंचायत पदाधिकारियों की कर्तव्यों और जवाबदेही भी निर्धारित की गई है। वन पंचायतों के वनों में कूड़ा निस्तारण को भी प्राथमिकता में रखा गया है। नई नियमावली में ईको टूरिज्म को प्रोतसाहित करने के लिए भी कई प्राविधान किए गए हैं।

500 पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिलेंगे 628 करोड़

धामी सरकार ने पांच सौ वन पंचायतों के जंगल में हर्बल उत्पादन के लिए 628 करोड़ रु दिए जाने की घोषणा की है, जड़ी उत्पादन के बाद उनके उत्पादों को देश की नामी आर्युवेद कंपनियों के साथ मार्केटिंग मे सरकार मदद करेगी।

Topics: Uttrakhand newsदेहरादून न्यूजवन पंचायतVan Panchayatवन प्रबंधनCM PushkarSinghDhamiउत्तराखंड समाचारDehradun Newsमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : हरिद्वार कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के साथ हुई ऋषिकेश मास्टर प्लान की समीक्षा

उत्तराखंड में सनातन योगदान के लिए भाजपा ने अहिल्याबाई को किया याद

उत्तराखंड का दर्जी पाकिस्तान के लिए यहां कर रहा था जासूसी!

उत्तराखंड : तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा गूंजा भारत माता की जय का उद्घोष, सीएम धामी ने लिया भाग

CM Dhami Dol Ashram

मुख्यमंत्री धामी ने डोल आश्रम में श्री पीठम स्थापना महोत्सव में लिया हिस्सा, 1100 कन्याओं का किया पूजन

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तानी Air Force की कमांडो, लश्कर की आतंकी : NIA ने किया PAK ARMY और आतंकी गठजोड़ का खुलासा

Neeraj Chopra Olympics

कपिल देव और धोनी के बाद नीरज को मिली सेना में बड़ी उपलब्धि, भाले के साथ संभालेंगे बड़ी जिम्मेदारी

टुकड़ों में पति की हत्या : सिर नदी में, धड़ कुएं में, पैर 38KM दूर… 19 साल छोटे प्रेमी संग पत्नी ने रची खौफनाक साजिश

लखनऊ : सपा विधायक सहित चार को 3 महीने की जेल, 1300 का जुर्माना भी लगा

बूंद-बूंद को मोहताज पाकिस्तान गिड़गिड़ाया, कहा- सिंधु जल संधि पर विचार करे भारत, हमारी फसलें हो रहीं बर्बाद

भारत के स्वदेशी हथियार

ऑपरेशन सिंदूर में गरजा स्वदेशी पराक्रम, दुनिया ने देखा आत्मनिर्भर भारत का दम!

दिल्ली आबकारी घोटाला : AAP नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में पेश हुए

तुर्किये को एक और झटका : JNU ने तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ MOU किया निलंबित

मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेते जस्टिस बीआर गवई

देश के 52वें चीफ जस्टिस बने भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

‘जहां कभी था लाल आतंक, वहां लहरा रहा तिरंगा’ : 21 दिनों में 31 कुख्यात नक्सली ढेर, अमित शाह ने दी जवानों को बधाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies