कोलकाता । पूरे देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण से लेकर एक जून को सातवें चरण के बीच 44 दिनों के अंदर राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर वोटिंग कंप्लीट होगी। इसे लेकर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने नाखुशी जाहिर की है। हालांकि भाजपा ने चुनाव आयोग के इस कदम का स्वागत किया है।
वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से एक या दो चरणों में चुनाव कराने के लिए कहा था। लेकिन पोल पैनल ने पश्चिम बंगाल के लिए सात चरण में चुनाव की घोषणा की है। हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हमें लगता है कि इस तरह की चुनाव व्यवस्था से भाजपा को चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपनी धन शक्ति का उपयोग करने में मदद मिलेगी। उनके नेता राज्य में अधिक से अधिक रैलियां कर सकेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुआ था। इस बार कोई फर्क नहीं है। बंगाल में राजनीतिक हिंसा के इतिहास के कारण यहां एक या दो चरण में और भारी संख्या में केंद्रीय बलों की मौजूदगी के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है। हम फैसले से खुश हैं।
ईसीआई ने कहा कि वह बाहुबल के खिलाफ कार्रवाई करेगा। मजूमदार ने कहा, बंगाल में हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाना अत्यंत आवश्यक है।
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