गत दिनों राष्ट्र सेविका समिति ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की है। समिति की अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका सीता गायत्री अन्नदानम ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार अत्यंत खेदजनक हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है। दुर्भाग्य से राज्य की मुख्यमंत्री के स्वयं एक महिला होने के उपरांत भी वहां महिलाओं के विरुद्ध हो रहे इन अपराधों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जननी, जन्मभूमि और जगत जननी मातृत्व की ऐसी त्रिधाराओं की विश्व में प्रतिस्थापना करने वाले सोनार बांग्ला में निरीह, निरपराध महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा निंदनीय है।
पिछले कुछ वर्षों से 24 परगना जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न होता दिखाई दे रहा है। वहां व्याप्त अराजकता का माहौल, असामाजिक तत्वों की सक्रियता, घुसपैठ और जनसंख्या को असंतुलित करने के प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत पीड़ादायक है। उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जैसी कानून-व्यवस्था को बहाल रखने वाली संस्थाओं द्वारा कड़े शब्दों में लताड़े जाने के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई भी कार्रवाई न होना और अपराधियों को पकड़ने का प्रयास भी न करना, बल्कि पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग चढ़ाने का प्रयास करना राज्य सरकार की दूषित मानसिकता का परिचायक है।
राज्य प्रशासन महिलाओं का संरक्षण करने और उन्हें सामाजिक न्याय दिलाने में असफल रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महिलाओं पर बार-बार बलात्कार और उनका यौन उत्पीड़न करने के आरोपी शाहजहां शेख जैसे अपराधियों को राज्य सरकार का आश्रय मिल रहा है। सभ्य समाज का मस्तक लज्जा से झुका देने वाली इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए राष्ट्र सेविका समिति का अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पश्चिम बंगाल सरकार की कड़ी आलोचना करता है एवं उन पीड़ित महिलाओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए केेंद्र सरकार, पुलिस एवं जांच एजेंसियों से निवेदन करता है कि सभी अपराधियों को कठोरतम दंड दिया जाए। साथ ही पीड़ित महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उपचार के साथ उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
अमानवीय अत्याचार से पीड़ित भगिनियों के कष्टों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए राष्ट्र सेविका समिति उन्हें यह आश्वासन देना चाहती है कि इस हतभागी स्थिति में हम आपके साथ हैं। अन्याय के प्रति निडर होकर आवाज उठाने के आपके साहस पर हमें अभिमान है। इसी भावना को मन में रखकर पश्चिम बंगाल और देशभर की सेविकाएं अपनी इन बहनों की यथासंभव सहायता के लिए तत्पर हैं।
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