ब्रिटेन की सरकार दूसरे देशों से आकी कट्टर इस्लामी तकरीरों के माध्यम से जनता को उकसाने की हरकतें करने वाले मुल्ला—मौलवियों का अपने देश में प्रवेश बंद करने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गत दिनों भाषण में साफ कहा था कि समय आ गया है कि हम उन ताकतों का प्रतिरोध करने के लिए उठ खड़े हों जो लोगों में नफरत फैलाकर उन्हें बांटने का काम करती हैं। सुनक का कहना है कि हमें बांटने की मंशा रखने वाले उग्रपंथियों का डटकर मुकाबला करना होगा।
पता चला है कि ब्रिटेन सरकार ऐसे इस्लामवादियों पर रोक लगाने की तैयारी में है जो ब्रिटेन में आकर मजहबी तकरीरों की आड़ में नफरत के बीज बोते हैं। सुनक के इस भाषण को यूके के मीडिया में विस्तार से कवर किया गया है। ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सरकार इस बाबत कुछ तैयारी कर रही है। इस योजना के केन्द्र में विशेष रूप से वे मुल्ला—मौलवी हैं जो पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफगानिस्तान के साथ ही अन्य कुछ देशों से आकर ब्रिटेन में नफरत के बीज बोते हैं। वे मस्जिदों में जो मजहबी तकरीरें करते हैं उनमें इस्लाम के नाम पर लोगों में उग्रता भरी जाती है। ऐसे मौलवियों का ब्रिटेन में अब दाखिल होना ही असंभव कर दिए जाने की योजना बनाई जा रही है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक इस दृष्टि से काफी गंभीर बताए जा रहे हैं। लंदन में दिए अपने उसी भाषण में उन्होंने देश को खरबदार किया था कि मजहबी उन्मादियों की वजह से देश के लोकतांत्रिक और बहुपांथिक मूल्यों पर आंच आ रही है।
इस योजना के केन्द्र में विशेष रूप से वे मुल्ला—मौलवी हैं जो पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफगानिस्तान के साथ ही अन्य कुछ देशों से आकर ब्रिटेन में नफरत के बीज बोते हैं। वे मस्जिदों में जो मजहबी तकरीरें करते हैं उनमें इस्लाम के नाम पर लोगों में उग्रता भरी जाती है। ऐसे मौलवियों का ब्रिटेन में अब दाखिल होना ही असंभव कर दिए जाने की योजना बनाई जा रही है।
ब्रिटेन के प्रसिद्ध समाचार पत्र ‘द डेली टेलीग्राफ’ का कहना है कि सुनक जानते हैं कि ब्रिटेन में कट्टरपंथी हरकतों में अचानक बहुत तेजी आई है। ये हरकतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। इस संबंध में सरकार की तरफ से सख्त आदेश दिया गया है कि बाहर से जो भी मुल्ला मौलवी आते हैं उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जाए, उनका नाम विशेष सूची में दर्ज किया जाए। इसके बाद सरकार की योजना है कि ऐसे लोगों को वीसा नहीं देना है।
इस नीति के अंतर्गत जो सूची बनेगी उनको किसी भी तरह यूके में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। ब्रिटेन सरकार का साफ कहना है कि ब्रिटिश समाज में मजहबी उन्माद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम नहीं चाहते कि जो लोग कानून का पालन करते हैं उन्हें कोई डराए, धमकाए या उनकी जीवनचर्या में बाधा पैदा करे।
सुनक ने यह भी साफ कहा कि लंदन या अन्य स्थानों पर इस्राएल-हमास युद्ध के विरोध करते हुए सड़कों पर उतरने वाले प्रदर्शनकारियों की अगुआई कोई मजहबी कट्टरपंथी तत्व न करे। कई स्थानों पर लाखों की भीड़ ने इस्राएल विरोधी प्रदर्शन के दौरान यहूदियों के लिए जहर भरे भाषण दिए थे। इससे ब्रिटेन में बसे यहूदियों में भय का वातावरण बना था।
ब्रिटेन की सरकार के स्वतंत्र सलाहकार लॉर्ड वाल्नी ने एक समीक्षा प्रस्तुत की है। इसमें मंत्रियों से कहा गया है कि मजहबी कट्टरपंथियों के साथ साठगांठ करने वाले गुटों की वजह से जो खतरा बढ़ रहा है उससे उचित तरीकों से निपटा जाए। ऐसा ही संकेत धुर वामपंथी गुटों के संदर्भ में भी किया गया है।
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