Russia में फंसे नेपाली ‘सैनिकों’ की India से गुहार, “हमें बचाओ, हमारी सरकार मदद नहीं कर रही”

नेपाल के इन नागरिकों ने अपने देश की सरकार से इस संबंध में मदद मांगी थी लेकिन जब वहां से कोई हरकत नहीं होती दिखी तो अब उन्होंने भारत सरकार के आगे गुहार लगाई है कि वह उन्हें वहां से निकाले

Published by
WEB DESK

लगभग दो साल से ज्यादा वक्त से जारी रूस यूक्रेन युद्ध में एक आयाम दूसरे देशों के सैनिकों को लड़ाई में उतारे जाने से जुड़ा है। पिछले दिनों रूसी सेना में भारतीय सैनिकों के शामिल होने की चर्चा सुनाई दी थी। अब रूस की सेना में नेपाल के सैनिकों के भी होने का पता चला है। लेकिन इन नेपाली सैनिकों ने अब युद्ध से त्रस्त होकर भारत से मदद करने की अपील की है।
उनका यह भी कहना है कि उनकी अपनी नेपाल सरकार उनके दर्द को अनदेखा कर रही है।

मीडिया में इस तरह के समाचार आए हैं कि यूक्रेन पर हमला बोले इतना समय बीत जाने और दूर तक इस युद्ध का अंत नजर न आने से रूस की सेना में सैनिकों की कमी हो रही है। इस वजह से रूस अपनी सेना में दूसरे देशों के लोग भर्ती कर रहा है। इन्हीं मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि भारत और नेपाल से भी कुछ लोग फर्जीवाड़ा करके रूस के पक्ष में जंग के मैदान में उतारे गए हैं। लेकिन अब ये नेपाली लोग खुद को फंसा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अपने देश की सरकार से इस संबंध में मदद मांगी थी लेकिन जब वहां से कोई हरकत नहीं होती दिखी तो अब उन्होंने भारत सरकार के आगे गुहार लगाई है कि वह उन्हें वहां से निकाले।

लगभग दो साल से ज्यादा वक्त से जारी है रूस यूक्रेन युद्ध (File Photo)

इन नेपाली लोगों ने बताया है कि युद्ध में भाग लेने के लिए करीब 30 नेपाली भेजे गए थे। लेकिन संभवत: वे अपनी मर्जी से नहीं गए थे। उन्हें तो रोजगार दिलाने वाली किसी निजी कंपनी ने धोखे से वहां भेजा था। पता चला है कि उस कंपनी ने उन नेपालियों को बतौर ‘हेल्पर’ का काम करने भेजा था। लेकिन वहां ले जाकर उन्हें रूस की सेना में जोड़ दिया गया। नेपालियों को यूक्रेन के विरुद्ध जंग में जबरन उतार दिया गया है। अब इस स्थिति में वे संकट में फंस गए। वहां की ठंड में एक छोटे सी खंदक में रहने को मजबूर हो गए। ऐसे में उन्होंने आपस ​में सलाह की और एक वीडियो संदेश बनाया। सोशल मीडिया पर साझा हुए इसी वीडियो में एक नेपाली फौजी भारत सरकार से अपनी मदद करने की अपील कर रहा है।


नेपाल के लोगों की तरह ही भारत से भी धोखे से कुछ लोगों को रूस की सेना के ‘हैल्पर’ बनाकर भेजा गया था। भारत से गए वे युवा भी इसी तरह के फर्जीवाड़े को शिकार हुए थे। उनसे वादा किया गया था कि उन्हें रूस में नौकरी दिलाई जाएगी। उनका भी बीते दिनों ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर दिखा था, उसमें उनकी संख्या सात थी।

वीडियो में एक नेपाली को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘हम नेपाल से हैं। एजेंट ने झूठ बोला और हमें रूस भेज दिया। यहां हम बहुत मुश्किलें झेल रहे हैं। हमें हेल्पर बनकर रूस की सेना में काम करने का कहा गया था। लेकिन इन्होंने हमें लड़ाई लड़ने भेज दिया गया है।’ उसी ने बताया कि भारत के भी तीन लोग उनके साथ थे, लेकिन उन्हें भारत सरकार ने यहां से निकाला है।’ इस नेपाली ने इसके बाद बताया कि ‘नेपाल एम्बेसी हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। हम चाहते हैं हमारा पड़ोसी देश भारत हमारी मदद करे।’

उन नेपालियों को यह कहते सुना जा सकता है कि ‘पूरी उम्मीद है कि भारत हमारी मदद करेगा। नेपाल तथा भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, इसलिए हम आप लोगों से मदद मांगते हैं।आपका देश तथा आपकी एम्बेस बहुत ताकतवर है। उसने यह भी बताया कि रूस में जितने भी नेपाली हैं वे सब लौटने के इच्छुक हैं।’ वह ‘फौजी’ कह रहा है कि उनके साथ धोखा हुआ है।’ उसके संदेश के अनुसार, इस समय रूस की सेना में चार नेपाली ‘हैल्पर’ ही बचे हैं। नेपाल के ही कुछ अन्य लोगों को किसी और ठिकाने पर भेजा गया।

नेपाल के लोगों की तरह ही भारत से भी धोखे से कुछ लोगों को रूस की सेना के ‘हैल्पर’ बनाकर भेजा गया था। भारत से गए वे युवा भी इसी तरह के फर्जीवाड़े को शिकार हुए थे। उनसे वादा किया गया था कि उन्हें रूस में नौकरी दिलाई जाएगी। उनका भी बीते दिनों ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर दिखा था, उसमें उनकी संख्या सात थी। उन्होंने भी यही बताया था कि उनको धोखे से यूक्रेन के विरुद्ध जंग में उतार दिया गया है। तेलंगाना के एक युवक की तो युद्ध में मौत भी हो गई थी।

Share
Leave a Comment