एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है कि गत जनवरी माह में अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिठा समारोहके दौरान मंदिर सहित अनेक भारतीय संस्थानों की वेबसाइटें हैक करने की कोशिश की गई थी। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान के हैकरों का हाथ होने का भी पता चला है।
पड़ोसी दुश्मन देश के हैकरों ने चीनी हैकरों के साथ मिलकर जो ये भारत विरोधी षड्यंत्र रचा था उसका भारतीय सुरक्षा एजेंसियों तथा साइबर जासूसी अधिकारियों ने तत्परता से खात्मा कर दिया था। इसके लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस बारे में जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार, चीन और पाकिस्तान के साइबर हैकर श्रीराम मंदिर उत्सव में व्यवधान डालना चाहते थे लेकिन वे चौकन्ने भारतीय अधिकारियों के अथक प्रयास की वजह से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया था। राम मंदिर के साथ ही उन हैकरों के निशाने पर प्रसार भारती तथा वे प्रसारण संस्थान थे जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लाइव प्रसारित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि साइबर हैकिंग के दुश्मनों के उस कुत्सित प्रयास से भारत में तैयार एआई तािा मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया गया था।
इसमें संदेह नहीं कि गत 22 जनवरी का दिन भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बसे हिन्दुओं के लिए किसी महादीपावली उत्सव से कम नहीं था। पूरा देश भगवान राम लला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के दर्शन के लिए आतुउ था। दुनिया के अनेक देशों में भी इस अवसर पर विभिन्न आयोजन किए जा रहे थे। दुनिया भर में एक अनूठे उत्सव की गहमागहमी थी। लेकिन ठीक इसी दौरान भारत की सुरक्षा एजेंसियां तथा साइबर विशेषज्ञ अनेक महत्वपूर्ण वेबसाइटों पर नजर रखे हुए थे। उन्हें अंदेशा था कि पाकिस्तान या अन्य दुश्मन देश इस मौके पर कोई बड़ी गड़बड़ कर सकते थे।
पता चला कि पाकिस्तान और चीन में बैठे हैकर वास्तव में श्रीराम मंदिर की वेबसाइट की हैकिंग की तैयारी कर चुके थे। लेकिन चौकन्नी केन्द्र सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों का सतर्क किया हुआ था, भारत के साइबर विशेषज्ञ ऐसी किसी भी संभावना का मुकाबला करने को तैयार थे। जरूरी कदम उठाए जा रहे थे। एआई और मशीन लर्निंग की तकनीक अमल में लाकर उस खतरे को दूर किया गया था। यही वजह थी कि जहां प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हुआ वहीं इसका सीधा प्रसारण भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में देखा गया।
अयोध्या के राम मंदिर के साथ ही पाकिस्तान और चीन के हैकरों ने प्रसार भारती तथा उत्तर प्रदेश की इससे जुड़ी अनेक वेबसाइटों पर अपनी कुदृष्टि डाली थी। उधर भारत सरकार को पहले से आशंका थी कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दुश्मन देश शैतानी हरकत कर सकते हैं इसलिए पहले से ही सतर्कता बरती जा रही थी।
इस बारे में प्राप्त रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि इधर अयोध्या में वह कार्यक्रम चल रहा था तो उधर पाकिस्तान और चीन में बैठे हैक्र राम मंदिर की वेबसाइट को पंगु बना देने की शैतानी कोशिशों में लगे थे, लेकिन अरिहंता प्रभु राम की लीला ऐसी रही कि भारत के साइबर विशेषज्ञों को षड्यंत्र की जानाकरी हो गई और वक्त रहते उन्होंने उसकी हवा निकाल दी।
जानकार अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या के राम मंदिर के साथ ही पाकिस्तान और चीन के हैकरों ने प्रसार भारती तथा उत्तर प्रदेश की इससे जुड़ी अनेक वेबसाइटों पर अपनी कुदृष्टि डाली थी। उधर भारत सरकार को पहले से आशंका थी कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान दुश्मन देश शैतानी हरकत कर सकते हैं इसलिए पहले से ही सतर्कता बरती जा रही थी।
भारत सरकार का टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर पूरी तरह चौकन्ना था और साइबर हमलों को निष्फल करने के लिए अयोध्या के राम मंदिर सहित प्रसार भारती, उप्र पुलिस, अनेक हवाई अड्डों, पर्यटन तथा बिजली आपूर्ति ग्रिड के अलावा अन्य करीब 264 वेबसाइटों पर नजर रखे हुए था।
इस निगरानी से पता चला कि करीब 140 आईपी पतों से भारत में राम मंदिर, प्रसार भारती तथा अन्य वेबसाइटों को निशाने पर रखा जा रहा था। एजेंसियों ने इन आईपी पतों को खंगाला और इंटरनेट की कंपनियों को इनके रास्तों को बंद करने को कहा गया। संदिग्ध आईपी पतों का रास्ता बंद करने पर देखने में आया कि 21 जनवरी से ही चीन और पाकिस्तान के शैतान हैकर साइबर हमलों की तैयारी कर रहे थे। बताया गया है कि लगभग 1244 आईपी पतों को ‘ब्लॉक’ किया गया था। यही वजह थी कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बिना बाधा के सुगमता और भव्यता से सम्पन्न हुआ था।
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