नमामि गंगे के प्रोजेक्ट प्रबंधक अभिनव सिंघल का अपहरण किया गया था और जान से मारने की धमकी दी गई थी। किसी तरह सुरक्षित बच निकलने के बाद अभिनव सिंघल ने जौनपुर जनपद के थाना लाइन बाजार में पूर्व सांसद एवं बाहुबली धनन्जय सिंह एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जनपद न्यायालय ने धनन्जय सिंह को सात साल कारावास की सजा सुनाई है।
क्या था पूरा मामला
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के प्रबंधक अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइन बाजार में अपहरण, गुंडा टैक्स व अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उसमे साथी विक्रम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। तहरीर के अनुसार, शाम के समय पूर्व सांसद धनंजय सिंह , विक्रम सिंह एवं अन्य दो व्यक्ति पचहटिया पहुंचे। वहां फॉर्च्यूनर गाड़ी में अभिनव सिंघल का अपहरण कर लिया गया। अभिनव सिंघल को पूर्व सांसद के आवास पर ले जाया गया। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने हाथ में पिस्टल लेकर गालियां दीं और कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने लगे। जब अभिनव सिंघल ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब पूर्व सांसद ने गुंडा टैक्स की मांग की। किसी प्रकार से अभिनव सिंघल वहां से निकल कर अपने घर पहुंच पाए।
अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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