एक जहाज को डुबाने के बाद धमकी पर उतरा ‘हूती’, कहा-लाल सागर से गुजरना है तो पहले ‘परमीशन’ लो

आतंकी संगठन के आईटी मंत्री मिसफर अल नुमायर ने कहा कि हम परमिट के लिए किए गए अनुरोधों में मदद करने और यमनी नेवी के साथ मिलकर नौसेना के जहाजों की पहचान करने के लिए तैयार हैं।

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Kuldeep singh

इजरायल हमास युद्ध की शुरुआत से ही यमन के हूती आतंकी लगातार लाल सागर से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर मिसाइलों से हमले कर रहे हैं। लेकिन उन्हें पहली सफलता एक दिन पहले मिली जब हूतियों के हमले से एक मालवाहक जहाज लाल सागर में डूब गया। अब हूती समूह के दूसरसंचार मंत्री ने पूरी दुनिया को धमकाने वाले अंदाज में कहा है अगर इस रास्ते से गुजरना है तो पहले हूती के कंट्रोल वाले समुद्री मामलों के प्राधिकरण से इजाजत लेनी होगी।

आतंकी संगठन के आईटी मंत्री मिसफर अल नुमायर ने सोमवार को ये बात कही। यमन के ईरान समर्थित हूती आंदोलन द्वारा संचालित किए जा रहे मुख्य टेलीविजन समाचार आउटलेट ‘अल मसीरा टीवी’ से बात करते हुए नुमायर ने कहा, “हम परमिट के लिए किए गए अनुरोधों में मदद करने और यमनी नेवी के साथ मिलकर नौसेना के जहाजों की पहचान करने के लिए तैयार हैं। हम इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि यह उनकी सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।”

डुबा चुका है एक शिप

गौरतलब है कि ईरान के समर्थन से चल रहे यमन के हूती विद्रोहियों ने दो दिन पहले लाल सागर में दो सप्ताह पहले एक कंटेनर शिप पर एंटी शिप मिसाइलों से हमले किए थे, जिसके बाद जहाज खराब हो गया। बाद में दो दिन पहले यह लाल सागर में डूब गया। इजरायल हमास युद्ध के शुरू होने के बाद से हूती विद्रोही लगातार यमन से लगे लाल सागर से समुद्री जलमार्ग से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। विद्रोहियों द्वारा कई जहाजों को निशाना बनाया गया है, लेकिन ऐसा पहली बार है, जब हूतियों के हमले से एक शिप लाल सागर में डूब गया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ये जहाज जिबूती जा रहा था। बता दें कि रूबीमार एक छोटा मालवाहक जहाज है। इक्वैसिस अंतरराष्ट्रीय समुद्री डेटाबेस के अनुसार, इसका रजिस्टर्ड मालिक इंग्लैंड के साउथेम्प्टन में है। बताया जा रहा है कि जहाज अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक का माल ले जा रहा था।

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क्यों हमले कर रहा है हूती

इतने समय से हूती संगठन यमन में सक्रिय है, लेकिन कभी कभार ही उसके लोग जहाजों पर हमले करते थे। लेकिन, ऐसा देखा गया है कि इजरायल हमास युद्ध के शुरू होने के बाद से अचानक से लाल सागर में हूतियों ने हमले तेज कर दिए हैं। अब सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों है? इसके पीछे की वजह है ईरान और इजरायल की दुश्मनी। लेबनान में हिजबुल्लाह की तरह ही ईरान हूतियों को भी सपोर्ट करता है। ईरान इन आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराता है। ताकि इनके जरिए इलाके में अपना दबदबा कायम रख सके। खाड़ी देशों में अगर कोई शक्ति है, जो ईरान को टक्कर देती है तो वो इजरायल है। ऊपर से इजरायल एक यहूदी देश है, जो कि चारों तरफ से मुस्लिमों से घिरे होने के बाद भी शान से खड़ा है।

इजरायल मुस्लिम देशों को फूंटी आंख नहीं सुहाता, लेकिन फायर पॉवर के आगे सब हारे हुए हैं। यहीं नहीं ईरान के परमाणु कार्यक्रम का इजरायल संयुक्त राष्ट्र के मंच से खुलकर विरोध भी कर चुका है। इसी कारण वो इजरायल को अपना दुश्मन नंबर वन मानता है। इसी कारण से हूतियों को फिलिस्तीन पर इजरायली हमले के बहाने ईरान उकसाता है। हूती ईरान के इशारे पर कठपुतली की तरह नाचते हैं।

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