कंगाल केरल, कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन देने तक के पैसे नहीं, केंद्र ने दी 4,122 करोड़ रुपए की मदद
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत केरल

कंगाल केरल, कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन देने तक के पैसे नहीं, केंद्र ने दी 4,122 करोड़ रुपए की मदद

केरल सरकार के ऊपर 40,000 करोड़ रुपए की देनदारी है। केरल सरकार को इस वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च तक त्वरित तौर पर करीब 22,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है।

by Kuldeep singh
Mar 2, 2024, 09:34 am IST
in केरल
Economic condition tense in Kerala

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

केरल में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का अगुवाई वाली वापमंथी सरकार की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो है। राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन देने के लिए पैसों की कमी है। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्य को 4122 करोड़ रुपए की राशि दी है।
इसमें नियमित टैक्स की इंस्टालमेंट के 2736 करोड़ रुपए और IGST के हिस्से के तौर पर 1386 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। केंद्र से मिली इस मदद से केरल को अपनी ओवरड्रॉफ्ट की सीमा को कम करने में मदद मिलेगी। इस मदद से प्रदेश के कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन और बीमा की राशि मिलनी शुरू हो गई है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि राज्य को जितनी मदद मिली है वो आवश्यकता के अनुपात में कम है।

केरल कौमुदी की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार को इस वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च तक त्वरित तौर पर करीब 22,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। राज्य सरकार के पास बिजली क्षेत्र में सुधार, केंद्र की मंजूरी पर निर्भरता और ट्रेजरी निवेश के जरिए भुगतान किए गए कर्ज के जरिए 13,608 करोड़ रुपए का संभावित स्रोत मौजूद है। प्रदेश की मौजूदा वित्तीय स्थिति के चलते इस माह के लिए वतन दायित्वों को पूरा कर पाने की सरकार की क्षमता के बारे में चिंताओं को बढ़ा दिया है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते के भुगतान में भी देरी हो सकती है।

इसे भी पढ़ें: खाली खजाने की खार, राज्यपाल से रार

प्रदेश के वर्तमान हालातों को देखते हुए ओवरड्रॉफ्ट में 3700 करोड़ रुपए, सैलरी देने के लिए 3336 करोड़ रुपए और पेंशन के लिए 2353 करोड़ रुपए यानि कुल मिलाकर 5689 करोड़ रुपए की जरूरत है।

प्रदेश पर 40,000 करोड़ रुपए की देनदारी बाकी

गौरतलब है कि केरल पर कुल 40,000 करोड़ रुपए की देनदारी है। इसमें सोशल वेलफेयर पेंशन का 6 माह का बकाया, योजना निधि का आवंटन, बैंक बकाया, कर्ज, वेतन और पेंशन वितरण, ठेके का दायित्व और मुनाफे का वितरण के खर्च के कररीब 22,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। दावा किया गया है कि बीते 15 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केरल में कर्मचारियों के लिए पहले दिन वेतन देने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। ट्रेजरी बचत खातों में फंड ट्रांसफर में तकनीकी दिक्कतों के कारण पेंशन का भुगतान करने में भी समस्याएं हैं।

विकास की जगह खर्च के लिए कर्ज चाहता है केरल

गौरतलब है कि पिछले माह केरल ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार की कलई खोलते हुए कहा था कि वह विकास कार्यों की जगह वह रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए उधारी चाहता है। केंद्र सरकार ने देश के शीर्ष अदालत को बताया कि उसने केरल को वित्त आयोग द्वारा सुझाई गई धनराशि से अधिक फंड दिया है। केंद्र सरकार ने यह भी बताया था कि राज्य को दी गई आर्थिक मदद बिना किसी बकाए के दी गई थी। केरल सरकार की पोल खोलते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि केरल के खर्चे बीते कुछ वर्षों में बेतहाशा बढ़े हैं। केरल का अपनी राजस्व प्राप्तियों में से खर्चा 2018-19 के दौरान 78% था जो कि 2021-22 में बढ़ कर 82.4% हो गया। यह देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है।

Topics: central government gave help to KeralaKeralaकेरलकेरल की आर्थिक स्थितिकेरल पर कर्जकेंद्र सरकार ने दी केरल को मददEconomic situation of Keraladebt on Kerala
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

केरल में आतंकी संगठन हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड के नेताओं की तस्वीर लहराई गई

वक्फ कानून: विरोध प्रदर्शनों में फिलिस्तीन, मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास का क्या काम? 

NIA

NIA ने PFI के गढ़ से RSS स्वयंसेवक श्रीनिवासन के हत्यारोपी को पकड़ा, 7 लाख का इनामी था शमनाद

Love jihad with hindu girl

‘केरल की 400 नहीं, 4000 लड़कियां ‘लव जिहाद’ का शिकार, सीरिया में हैं सेक्स स्लेव’, बड़ा दावा

Shashi Tharoor shows mirror to Congress

शशि थरूर ने कांग्रेस पार्टी को आइना दिखाया

Kerala government increased salary of KPSC chairmen and member by 1.5 lakh

केरल: सत्ता को साधने की वामपंथी नीति, 30,000 आशा कार्यकर्ताओं को ठेंगा, PSC अध्यक्ष, सदस्यों की सैलरी डेढ़ लाख तक बढ़ाई

उर्स में आतंकी संगठन हमास के नेता का पोस्टर लहराया गया

केरल: उर्स में लहराए हमास नेताओं के पोस्टर, बैनर के साथ मुस्लिम युवाओं ने निकाला मार्च, भाजपा ने मांगा CM से इस्तीफा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies