रामायण का वो प्रसंग तो आप सभी के जेहन में होगा ही, जब माता सीता को राक्षस राज रावण से मुक्त कराने के लिए समुद्र पर पुल बनाया जा रहा था। उस दौरान एक गिलहरी ने भी रामकाज में सहायक बनते हुए रामसेतु के निर्माण के बालू के छोटे कणों को समुद्र में डाला था। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में देखने को मिला है, जहां जेल में बंद एक मुस्लिम रामभक्त ने झाड़ू लगाकर अर्जित अपनी कमाई को भगवान राम के चरणों में समर्पित कर दिया।
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कैदी का नाम है जियाउल हसन, जो कि फतेहपुर के ही रामजानकीपुरम के रहने वाले हैं। उनके अब्बू का नाम सिराज हसन। जियाउल को फतेहपुर जेल में झाड़ू लगाने का काम दिया गया था। झाड़ू लगाने के बदले मुस्लिम कैदी को महीने के 1075 रुपए मिलते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के चलते जियाउल हसन ने जेल प्रशासन से अपने मेहनताने को राम मंदिर के लिए दान देने का निवेदन किया।
इसके बाद जेल प्रशासन ने मुस्लिम रामभक्त के निवेदन के आधार पर 1075 रुपए का चेक बनाकर अयोध्या में कारसेवकपुरम भिजवाया, जिसे श्रीराम जन्मभूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अकाउंट में जमा करवा दिया गया। इसे 17 जनवरी के बैंक में जमा कराया गया। जियाउल हसन के सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि मुस्लिम भक्त का ये योगदान सामाजिक समन्वय का बड़ा उदाहरण है। वो मजहब से भले ही मुस्लिम हैं, लेकिन उनके पूर्वज भी तो ‘राम’ ही हैं।
शरद शर्मा ने कहा कि ये बात सभी को समझने की आवश्यकता है कि भगवान राम ही इस देश के मेरुदण्ड हैं। मुस्लिम कैदी को इस बात का आभास हुआ के भगवान राम के नाम से ही कल्याण संभव है। इसीलिए उन्होंने धनराशि का समर्पण किया।
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