ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने की मरम्मत व तहखाने की छत पर किसी को जाने पर रोक लगाने की मांग की गई है. वाराणसी जनपद के न्यायालय में राम प्रसाद सिंह ने वाद दायर किया है. वाद में मांग की गई है कि तहखाने की स्थिति जर्जर है इसलिए उसकी मरम्मत कराने की अनुमति दी जाए. कुछ अवांछित तत्व तहखाने की छत पर जाकर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं ताकि छत ध्वस्त हो जाए और वहां पर पूजा-पाठ बाधित हो जाए. इसलिए यह न्याय हित में होगा कि छत पर आवाजाही पर रोक लगाई जाए.
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के आदेश पर व्यास जी के तहखाने में में पूजा-पाठ जारी है. मगर तहखाने में की छत जर्जर व कमजोर है और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद पक्ष के लोग छत पर एकत्र होकर उसको ध्वस्त करना चाहते हैं. उन लोगों की मंशा है कि वहां पूजा-पाठ अवरुद्ध कर दिया जाए. इन लोगों के इस कृत्य से शांतिभंग की आशंका है. छत अगर गिर गई तो तहखाने में पूजा-पाठ दर्शन करने वालों की जान को भी खतरा हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि गत 31 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में प्रातः पूजा पाठ शुरू कराई गई थी. न्यायालय के आदेश के बाद 1993 के बाद आज पूजा शुरू हुई थी. जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में पूजा शुरू की गई थी. वाराणसी जिला जज ने अपने आदेश में कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी / रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि यह सेटेलमेण्ट रकबा नंबर -9130 थाना-चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से तहखाने में स्थित मूर्तियों का पूजा एवं राग-भोग कराएं .
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