नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से आये हिंदू शरणार्थियों के मामले में सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में बसाए गए इन हिंदू परिवारों के मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हुई। मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी।
उधम सिंह नगर के सामाजिक कार्यकर्ता निखिलेश घरामी की ओर से इस मामले को चुनौती देते हुए कहा गया कि 1962, 1964 और 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से आये शरणार्थियों को उधमसिंह नगर जिले में बसाया गया और उन्हें भूमि उपलब्ध करायी गयी। केन्द्र सरकार की सिफारिश पर इन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। यहां तक कि तत्कालीन समाज कल्याण विभाग ने इनके बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ भी दिया है। कोर्ट में इस बात को लेकर सुनवाई हो रही है इन हिंदू परिवारों को भारतीय नागरिकता दिए जाने के बावजूद उन्हें अनुसूचित जाति की योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है। वह कई बार प्रत्यावेदन सक्षम अधिकारियों को दे चुके हैं। नैनीताल-उधमसिंह नगर के लोकसभा सांसद और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट ने भी वर्ष 2019 में इस मामले को लोकसभा में उठाया था।
उल्लेखनीय है कि उधम सिंह नगर जिले में करीब दो लाख की जनसंख्या बंगाली हिंदू परिवारों की है इनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति से हैं।
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