सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के समन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। सर्वोच्च न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय के समन को लेकर कहा कि PMLA की धारा 50 के तहत अगर किसी को तलब किया जाता है, तो उसे समन का सम्मान करना होगा और उसका जवाब भी देना होगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा लगातार 8 बार ईडी का समन छोड़े जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं।
सर्वोच्च न्यायालय में ईडी ने मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। दरअसल मद्रास हाईकोर्ट ने कथित रेत खनन घोटाला में तमिलनाडु के 5 जिलाधिकारियों को जारी समन पर रोक लगा दी थी।
जिसके बाद ईडी ने अंतरिम आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा समन पर लगाई गई रोक को हटा दिया और जिला कलेक्टरों को ईडी के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
इस सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच कर रही थी। बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- ‘यह देखा गया है कि अधिनियम के तहत जारी कार्यवाही के दौरान ईडी किसी भी व्यक्ति को सबूत पेश करने या उपस्थित होने के लिए तलब कर सकती है। जिस किसी को भी समन जारी होते हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि वह ईडी के समन का सम्मान करेंगे और उनका जवाब देंगे।’
PMLA की धारा 50 के तहत ईडी जिस व्यक्ति की मौजूदगी को जांच के दौरान जरूरी समझती है, उसे समन जारी कर सकती है।
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