कम्युनिस्ट चीन ने जिस बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट के नाम पर गरीब देशों को झांसा देकर अपने कर्ज के जाल में फंसाया हुआ है अब उसी प्रॉजेक्ट पर सवाल उठने लगे हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के भ्रष्टाचार में डूबते जाने के आरोप लग रहे हैं और बताया जा रहा है कि शी इस बात से बहुत नाराज चल रहे हैं।
वह कम्युनिस्ट ड्रैगन जो जाने कितने ही अफ्रीकी और एशियाई देशों को सब्जबाग दिखाकर अपने मोटे कर्ज के शिकंजे में घेर चुका है वे तो कुलबुला ही रहे हैं, लेकिन अब खुद चीन इस प्रॉजेक्ट में धांधलियों के चर्चे से कुलबुलाने लगा है। बीआरआई प्रॉजेक्ट पहले ही अपनी समयसीमा से बाहर होता दिख रहा है तिस पर कई जगह इसका काम भी रुका पड़ा है।
एशिया महाद्वीप में इस प्रॉजेक्ट में भ्रष्टाचार की खबर इस तेजी से उड़ी है कि हांगकांग के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने समाचार प्रकाशित करके कहा है कि इस बीआरआई प्रॉजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करके संदेहों को दूर करने की एक बड़ी जिम्मेदारी उस कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के कंधों पर आन पड़ी है जिसकी देश में सत्ता है।
राष्ट्रपति शी के इस बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट में कोई छोटा—मोटा भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, बात कुछ बड़ी ही है। तभी तो इसकी अब चीन का भ्रष्टाचार रोधी निकाय जांच करने की तैयारी में है। इसमें संदेह नहीं है कि इस बीआरआई प्रॉजेक्ट में चीन के अरबों डॉलर लग चुके हैं। इस प्रॉजेक्ट के साझीदार देशों के भी काफी पैसे इस योजना पर खर्च हो चुके हैं। कई छोटे देश जैसे पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि तो इस वजह से पैसे की भारी तंगी झेल रहे हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका की हालत तो चीन के कर्ज ने इतनी खस्ता बना दी है कि रोटी तक के लाले पड़ चुके हैं।
एशिया महाद्वीप में इस प्रॉजेक्ट में भ्रष्टाचार की खबर इस तेजी से उड़ी है कि हांगकांग के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने समाचार प्रकाशित करके कहा है कि इस बीआरआई प्रॉजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करके संदेहों को दूर करने की एक बड़ी जिम्मेदारी उस कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के कंधों पर आन पड़ी है जिसकी देश में सत्ता है।
चीन सरकार की मीडिया एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने कहा है कि तीन दिन पहले जारी की गई एक रिपोर्ट में निरीक्षण आयोगों और पर्यवेक्षण एजेंसियों द्वारा भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने, व्यवस्था को सुधारते हुए इसका विस्तार करने तथा उचित निरीक्षण व निगरानी के लिए संस्थानों को मजबूत बनाने के साथ ही पार्टी में अनुशासन की चिंता की जाए।
हांगकांग के उक्त अखबार का समाचार बताता है कि निरीक्षण एवं निगरानी आयोग के मुखिया ली शी की दो माह पहले आई इस रिपोर्ट में साफ लिखा है कि सीपीसी इस वर्ष घरेलू तथा विदेशी स्तरों पर कार्रवाई में तालमेल बैठाएगा। रिपोर्ट यह भी कहती है कि भ्रष्टाचार रोधी अभियान “बुरी प्रथाओं तथा भ्रष्टाचार” को केन्द्र में रखने वाली मुहिम का विस्तार करेगा, साथ ही यह ‘बेल्ट एंड रोड’ प्रॉजेक्ट को और पारदर्शी बनाने की कोशिश करेगा।
यहां ध्यान देने की बात यह है कि बीआरआई तथा गांवों के पुनरोद्धार की रणनीति, ये दोनों क्षेत्र राष्ट्रपति जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। 2013 में शुरू की गईं इन योजनाओं का उद्देश्य चीन के दुनिया में प्रभाव का विस्तार करना है। इस बीआरआई प्रॉजेक्ट की वजह से चीन का नाम दुनिया में अगुआ के नाते उभरता दिखा। लेकिन इसकी जद में आकर कितने ही देश चीन की असली मंशा जान चुके हैं लेकिन वे इस दलदल में इतने गहरे उतर चुके हैं कि अब छटपटा रहे हैं लेकिन बाहर नहीं निकल सकते। बीआरआई के रास्ते चीन का उन पर इतना कर्ज चढ़ चुका है कि उसके ब्याज को चुकाने के लिए भी उन्हें चंदा अथवा कर्ज मांगना पड़ रहा है।
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