उत्तरी कैरोलिना, मोनरो में बाइबल बाप्टिस्ट टैबरनेकल के पास्टर बॉबी लियोनार्ड के खिलाफ रविवार को विरोध प्रदर्शन हुए। लोग गुस्से में थे और लोगों के भीतर इतना गुस्सा था कि बॉबी लियोनार्ड को माफी मांगनी पड़ी। लेकिन ये माफी किसलिए थी? बॉबी लियोनार्ड ने क्या कहा था? दरअसल बाप्टिस्ट पास्टर बॉबी लियोनार्ड ने शॉर्ट्स पहनने वाली महिलाओं के साथ बलात्कार को जायज ठहराया था।
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When you go to Pigeon Forge, sit in mall parking lot, you'll find more women with shorts on than pants & dresses put together.
If you dress like that & you get r🅰️ped & I'm on the jury, he's gonna go free. I'm right. A man's a man.#BadPreacherClipsPastor Bobby Leonard pic.twitter.com/TpqWh7G4tA
— Bad Preacher Clips™ (@BadSermons) February 21, 2024
उन्होंने वर्ष 2023 में एक सेरेमनी में कहा था कि यदि महिलाएं शॉर्ट्स पहनकर बैठती हैं और उनके साथ बलात्कार होता है, तो यह जायज है क्योंकि आदमी तो आदमी होता ही है और यदि वह ज्यूरी में होंगे तो वह उसे आजाद कर देंगे। हालाँकि चर्च ने अपने चैनल यह क्लिप हटा दी है, मगर अब यह वायरल है। लियोनार्ड ने अपने इस सरमन में कहा था, “मैं इसे कहता चला आ रहा हूँ, कि यदि आप ऐसे कपड़ें पहनेंगी तो बलात्कार होगा ही, अगर मैं ज्यूरी में होऊँगा तो वह रिहा हो जाएगा। मैं अपनी जगह पर ठीक हूँ। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपको पसंद नहीं आता है तो, मैं ठीक हूँ, क्योंकि यह आपको भी पता है कि एक आदमी, आदमी ही होता है!”
हालांकि, इसे लेकर जब लोगों का गुस्सा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से फूटा तो पास्टर ने माफी मांग ली और कहा कि यदि उन्होंने किसी को आहत किया है तो उन्हें माफ़ किया जाए।
मगर क्या इतना ही पर्याप्त है? क्योंकि यह चर्च आज का नहीं है, यह चर्च बहुत पुराना है और एक पास्टर के रूप में उनका कार्यकाल भी लम्बा रहा है। क्या महिलाओं के कपड़े ही बलात्कार का कारक होते हैं? यह तो वही मानसिकता हो गयी जो कई लोगों ने तब दिखाई थी, जब भारत में स्कूलों के हिजाब की अनिवार्यता को लेकर प्रदर्शन किए गए थे कि खुली टॉफ़ी में चींटी लग जाती है आदि-आदि?
आखिर क्या कारण है कि महिलाओं के वस्त्रों के आधार पर उन्हें जज करने के प्रयास होते रहे हैं। हालांकि, इस बयान को लेकर लोगों ने कहा कि इसे ईसाई रिलिजन से जोड़कर न देखा जाए। न ही यह बयान और न ही ऐसा पास्टर पूरे ईसाई रिलिजन का नेतृत्व करते हैं।
मगर जो इस पास्टर ने कहा है उससे यह एक बड़े वर्ग की मानसिकता पता चलती है कि वह महिलाओं को अभी तक ऐसी वस्तु के रूप में देखते हैं, जिसे कोई कहीं भी उपभोग कर सकता है। अब ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि क्या महिलाओं और बच्चों के प्रति इसी मानसिकता को लेकर बच्चों तक का यौन उत्पीड़न कुछ पास्टर्स द्वारा किया जाता है? कि वह छोटे कपड़े पहने हैं?
जब चर्च में यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर नेट पर खोजा जाता है तो असंख्य लिंक खुलते हैं और न जाने कितने मामले सामने निकलकर आते हैं। न जाने कितने पीड़ित अपनी व्यथा बताते हुए नजर आते हैं और न जाने कितनी कहानियां अपनी पीड़ा के साथ सामने आती हैं। ऐसी ही एक कहानी पिछले वर्ष मिशेल रोलैंड की सामने आई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे वह शांति की तलाश में इंटरनेशनल चर्चेस ऑफ क्राइस्ट के साथ जुड़ी थीं और कैसे वह तीन दशकों के बाद चर्च में बच्चों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थीं।
विकीपीडिया के कैथोलिक चर्च सेक्सुअल एब्यूज केसेस पर ऐसे डेटा और कहानियों की भरमार है, जो बताती हैं कि कैसे चर्च में बच्चों और महिलाओं का यौन शोषण किया जाता है। एक पुस्तक है ‘The Dark Box: A Secret History of confession’ उसमें लेखक जॉन कॉर्नवेल ने अपने साथ हुए अनुभवों के बारे में बताया है। दरअसल, इस पुस्तक में उन तरीकों के विषय में बात की गयी है, जिनके माध्यम से बच्चों के साथ यौन शोषण होता है। कन्फेशन बॉक्स में बच्चा कुछ कन्फेस करने आता है तो उसे फिर ब्लैकमेल किया जाता है। ऐसा एक मामला भारत से भी सामने आया था, मगर वह महिला का था। इसमें भी उसे पादरी द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। यह घटना जुलाई 2018 की थी।
समय-समय पर कई पास्टर्स की बच्चों और महिलाओं को लेकर गन्दी मानसिकता सामने आती रहती है और फिर ऐसे में आंकड़ों का वह पिटारा खुलता है जो असहज करता है, मगर यहाँ पर बॉबी लियोनार्ड की मानसिकता पर बात की जानी चाहिए कि क्या किसी भी आदमी को शॉर्ट्स पहनी हुई महिला के साथ बलात्कार का अधिकार मिल जाता है? इसी बात को लेकर यूजर्स सोशल मीडिया पर प्रश्न कर रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा कि बलात्कार तब भी महिलाओं के साथ होते थे, जब महिलाएं प्लीटेड स्कर्ट पहनती थीं, तब भी होते थे जब कई फ्लेयर वाली ड्रेस पहनती थीं, बलात्कार का कपड़ों के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है:
He’s a dangerous, violence seeking misogynist. pic.twitter.com/wNDIdcF4Uc
— ✍🏻This is no dream! This is really happening! (@WWonTwit) February 22, 2024
इसी मानसिकता को लेकर एक यूजर ने लिखा, “यह ग्रूमिंग है। यह स्पष्ट है कि इसने यह पहली बार नहीं कहा होगा। पास्टर बॉबी लियोनार्ड ने छोटे बच्चों की कई पीढ़ियों को यही सिखाया होगा कि बलात्कार करना ठीक है और उसने छोटी बच्चियों को यह सिखाया होगा कि बलात्कार होने में उन्हीं की गलती है, इसलिए चुप रहें!”
लोग उस चर्च की प्रतिक्रिया पूछ रहे
यह विचार ही डराने के लिए पर्याप्त है कि कथित रिलीजियस पद पर बैठे हुए लोग, लड़कियों के कपड़ों को लेकर टिप्पणी करें, टिप्पणी ही न करें, बल्कि उनके साथ होने वाले बलात्कार को भी उनकी पोशाक के आधार पर उचित ठहराएं? बलात्कार को कपड़ों के आधार पर जायज ठहराना कितना भयावह है, इसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती है? इसका अर्थ यह है कि हर आपराधिक मानसिकता वाले व्यक्ति का द्वारा किया गया बलात्कार केवल इस आधार पर माफ़ किया जा सकता है कि उसके अनुसार लड़की ने कपड़े कम पहने हुए थे?
जूली रोयज़ नामक एक पत्रकार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हां, एक आदमी-आदमी है, जानवर नहीं। वह खुद को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है!” भले ही पास्टर बॉबी लियोनार्ड ने माफी मांग ली है, मगर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर लड़कियों को ही कब तक जिम्मेदार ठहराया जाता रहेगा? इन सबसे परे भारत में एक प्रश्न उमड़ता है कि आखिर इन बयानों पर यहाँ कब विमर्श होगा?
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