महाशिवरात्रि पर करना चाहते हैं महाराष्ट्र में स्थित 3 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, तो जानिए कैसे पहुंचें यहां?

Published by
Mahak Singh

भारत में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो भक्तों की आस्था को बढ़ाते हैं और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं। ये शिव मंदिर पूरे देश में फैले हुए हैं जिनका अपना-अपना महत्व और मान्यता है। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। ऐसे में अगर आप इस महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको महाराष्ट्र में स्थित 3 ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

12 ज्योतिर्लिंग नाम
  1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
  2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
  3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
  5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
  6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
  7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
  8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
  9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
  10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
  11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग
  12. घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग नासिक से 120 मील की दूरी पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

ऐसे पहुंचे यहां

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का निकटतम एयरपोर्ट पुणे हवाई अड्डा है। एयरपोर्ट मंदिर से लगभग 125 की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप प्राइवेट टैक्सी या बस से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग तक जा सकते हैं।
इसके अलावा ट्रेन या बस से भी जा सकते हैं।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में संभाजीनगर के पास दौलताबाद में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। नासिक के घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी लगभग 171 किलोमीटर है।

ऐसे पहुंचे यहां

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप प्राइवेट टैक्सी या बस से मंदिर तक आसानी से जा सकते हैं। इसके अलावा ट्रेन या बस से भी जा सकते हैं।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर गोदावरी नदी के तट पर काले पत्थरों से बना है। ऐसा माना जाता है कि ऋषि गौतम और गोदावरी के आह्वान पर भगवान शिव ने इस स्थान पर निवास करने का निर्णय लिया था। तभी से वे यहीं विराजमान हैं।

ऐसे पहुंचे यहां

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का निकटतम हवाई अड्डा नासिक है। यह त्र्यंबकेश्वर मंदिर से लगभग 54 किलोमीटर दूर है। यरपोर्ट पहुंचने के बाद आप प्राइवेट टैक्सी या बस से मंदिर तक आसानी से जा सकते हैं। इसके अलावा ट्रेन या बस से भी जा सकते हैं।

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