Maharashtra: स्कूल ट्रिप पर गए 8 बच्चों का जावेद ने किया यौन शोषण, पीड़ितों में 6 लड़कियां, 2 लड़के

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सोनाली मिश्रा

महाराष्ट्र में ठाणे में गोयनका इंटरनेश्नल स्कूल में बुधवार 21 फरवरी को फ़ूड सप्लायर जावेद खान के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया। चौंकाने वाली घटना में जावेद ने उन बच्चों का यौन शोषण किया था, जो एक स्कूल ट्रिप पर अपनी टीचर्स के साथ गए थे।
उससे भी हैरान करने वाली और चौंकाने वाली बात यह है कि बस में टीचर्स भी थीं और टीचर्स के अनुसार उन्हें इस घटना का पता नहीं चला। इसी बात को लेकर अभिभावकों ने भी स्कूल के बाहर हंगामा किया था।

अभिभावकों के अनुसार 20 फरवरी को कक्षा 2 के विद्यार्थी एक पिकनिक पर घाटकोपर में एक इनडोर थीम पार्क किडजेनिया गए थे। उनके साथ दो बाहरी लोग थे, जिनके विषय में अभिभावकों को नहीं बताया गया था। प्रदर्शन करने वाले अभिभावकों का कहना है कि उन्हें बिल्कुल भी इस विषय में नहीं पता है कि आखिर बाहरी व्यक्तियों का चयन कैसे और क्यों किया गया? उनमें से एक आदमी ने आठ से दस बच्चों का यौन उत्पीड़न किया। ऐसा नहीं था कि केवल उनके जननांगों को छुआ गया हो, बल्कि बच्चों के साथ बस में शोषण किया गया और टीचर्स वहीं मौजूद थीं। अभिभावकों का यह भी कहना था कि इतने सारे बच्चे झूठ नहीं कह सकते हैं।

आरोपी जावेद खान बस में बच्चों को खाना दे रहा था। यह आरोप है कि एडवेंचर एजुकेशन टूर्स से 27 वर्षीय जावेद ने बच्चों को अपनी गोद में बैठाया और उन्हें गोद में बैठाकर उनके यौनांगों के साथ छेड़छाड़ की। चूंकि बच्चों को गुड टच और बैड टच के विषय में बताया गया था, तो बच्चों ने घर जाकर अपने अभिभावकों को इस विषय में बताया। इन आठ बच्चों में छः लड़कियां और दो लड़के हैं।

जैसे ही यह बात फ़ैली वैसे ही अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और दोषी टीचर्स पर कार्यवाही की मांग की। जावेद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354 (ए) और 509 तथा लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम अर्थात POCSO अधिनियम की उचित धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। इन्स्पेक्टर के अनुसार, “बस एक प्राइवेट पिकनिक ऑर्गनाइजर की थी, जिसे स्कूल ने पिकनिक के लिए चुना था और खान उस एजेंसी के लिए दिहाड़ी पर पिछले दस वर्षों से काम कर रहा है।”

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अभिभावकों ने स्कूल पर और टीचर्स पर प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि जब उन्हें पता चला कि उनके बच्चों के साथ यह हुआ है, तो उन्हें गुस्सा आया और यह प्रश्न उठकर आया कि आखिर टीचर्स क्या कर रहे थे? अभिभावकों का कहना था कि जब उन्होंने प्रिंसिपल और टीचर्स के सामने यह प्रश्न उठाया तो उन्होंने इस दावे को ही नकार दिया, मगर इतने सारे बच्चे झूठ कैसे बोल सकते हैं? स्कूल की ओर से जाँच बैठाई गयी है और जांच पूरी होने तक बच्चों के साथ ट्रिप पर गयी टीचर्स को सेवा से मुक्त कर दिया गया है और जांच करने वाली कमिटी में मैनेजमेंट के वरिष्ठ सदस्य हैं।

जावेद का नाम लेने से बच रहा मीडिया

इस सारे हंगामे में एक जो बात सबसे महत्वपूर्ण उभर कर आई है, वह यह है कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग जावेद का नाम लेने से बचा है। आरोपी लिखा गया है। परन्तु आरोपी का नाम बताया नहीं गया है। इसी पर प्रश्न उठाते हुए सोशल मीडिया पर यूजर्स ने प्रश्न किया कि आखिर मीडिया आरोपी का नाम क्यों नहीं बता रहा है? इस घटना के सामने आने से यह प्रश्न वास्तव में उठ खड़ा होता है कि आखिर स्कूल प्रबंधन जब बाहरी सेवाओं के लिए किसी एजेंसी को अपने साथ जोड़ता है तो उसके कर्मचारियों का डेटा आदि नहीं देखता है? क्या बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई पूर्व निर्धारित आवश्यकताएं निर्धारित नहीं होती हैं?

वहीं इस मामले में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के नेता अविनाश जाधव एवं शिंदे गुट शिवसेना के नेता तथा ठाणे के पूर्व कॉर्पोरटर संजय भोईर एवं भाजपा के विधायक संजय केलकर अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन में उनके साथ आए थे और यही कारण रहा कि प्रशासन ने सीईओ तथा प्रिंसिपल को भी संस्पेंड कर दिया।

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