इजरायल हमास युद्ध के बीच अब संयुक्त राष्ट्र ने इजरायली सेना पर फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों का हिरासत में रेप करने का आरोप लगाया है। यून के विशेषज्ञों ने आईडीएफ पर ये आरोप लगाए हैं कि उन्होंने आईडीएफ के खिलाफ विश्वसनीय सबूत देखे हैं, जहां हिरासत में फिलिस्तीनी महिलाओं का यौन शोषण और रेप किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने इन आरोपों की जांच की मांग की है।
महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत रीम अलसलेम का दावा है कि यौन शोषण, रेप की धमकियों के साथ ही हमारे पास कम से कम दो मामलों में रेप किए जाने के सबूत हैं। उन्होंने ये आशंका जताई है कि ये संख्या ज्यादा भी हो सकती है। अलसलेम का कहना है कि हमें ये लंबे वक्त तक जानने को नहीं मिलेगा कि पीड़ितों की संख्या वास्तविकता में कितनी है। अलसलेम को वर्ष 2021 में UNHRC ने विशेष दूत नियुक्त किया था।
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत का ऐसा मानना है कि बदले के डर के कारण अधिकतर महिलाएं यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज नहीं उठाती हैं। लेकिन, 7 अक्टूबर के बाद से जब से इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ है इजरायली हिरासत में फिलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। इस पूरे युद्ध में फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों के साथ अमानवीयता आम बात हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का आरोप है कि आईडीएफ ने बहुत ही क्रूर तरीके से फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की। महिलाओं और लड़कियों तक को नहीं बख्शा। गाजा में अनुमान के मुताबिक, अब तक 30000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
कौन हैं अलसलेम
गौरतलब है कि अलसलेम को संयुक्त राष्ट्र मावाधिकार आयोग ने साल 2021 में महिलाओं और लड़कियों की हिंसा के मामले में विशेष दूत नियुक्त किया था। ये यूएन में इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट हैं। हालांकि, अलसलेम संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
वहीं इजरायली सेना पर आरोपों के मामले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर का कहना है कि अमेरिका को इस मामले की जानकारी मिली है। उसने इजरायली अधिकारियों से मामले की जांच करने के लिए कहा है।
क्या कहता है इजरायल
यौन शोषण के संयुक्त राष्ट्र के आरोपों को नकारते हुए इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े किए हैं। साथ ही उसने कहा है कि अगर संयुक्त राष्ट्र इसके सबूत देता है तो वो इसकी जांच कराने के लिए तैयार है। इजरायल ने UN के एक्सपर्ट्स पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग 7 अक्टूबर और उसके बाद से हमास द्वारा की गई भयानक यौन हिंसा और लिंग आधारित हिंसा पर चुप रहे हैं।
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