एक तरफ पंजाब में किसानों के वेष में आंदोलनजीवी सड़कों पर केंद्र सरकार के खिलाफ हाय हाय मचा रहे हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंजाब के किसानों को दी गई गारंटी पूरी होने जा रही है। पंजाब के किसानों को दशकों से चली आ रही नहरी पानी की मांग अब मोदी की गारंटी से पूरी होने जा रही है।
दरअसल, शाहपुरकंडी बैराज बांध का काम पूरा हो गया है। ट्रायल के तौर पर झील के कैचमेंट एरिया में पानी भरना शुरू कर दिया गया है। शाहपुरकंडी बैराज बांध रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई है। परियोजना पर करीब 2,793 करोड़ रुपये लागत आई है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब दोनों ही राज्यों की पानी की जरूरत है। अभी रावी नदी का कुछ पानी माधोपुर हेडवर्क्स से पाकिस्तान चला जाता है। मगर अब इस परियोजना के पूरा होने से पाकिस्तान को जाने वाले पानी पर रोक लगेगी।
बांध के शुरू होने से रावी नदी का पानी पंजाब के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के खेतों तक पहुंचेगा। जानकारी के मुताबिक एक मार्च तक इस बांध में जल भरने का काम शुरू होना है। झील में पहले लगभग चार फुट तक पानी भरा जाएगा। इसके बाद शाहपुरकंडी में पंजाब के हिस्से में बने 10 स्लाउस की जांच की जाएगी। इसके बाद आठ फुट पानी भरने के बाद दोबारा जांच की जाएगी। यहां से पानी माधोपुर को छोड़ा जाएगा। एक मार्च से शाहपुरकंडी झील में पूरी तरह से पानी भरा जाएगा।
शाहपुरकंडी बांध परियोजना के पावर हाउसों का निर्माण कार्य भी जोरों पर चल रहा है और पावर हाउसों के निर्माण के बाद दिसंबर 2025 तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बाद पंजाब और जम्मू संभाग के किसानों के खेतों तक इस पानी को पहुंचाया जाएगा। इस बांध से सबसे अधिक फायदा जम्मू-कश्मीर के किसानों को होगा।
इस परियोजना के तहत रावी नदी से जम्मू-कश्मीर को प्रतिदिन 1150 क्यूसेक पानी मिलेगा, जिससे कठुआ और सांबा जिलों में 32173 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। परियोजना से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन का भी लक्ष्य है।
इस परियोजना से पंजाब के किसानों विशेषकर मालवा क्षेत्र में जहां पानी की कमी है और भू-जल स्तर बहुत नीचे है वहां सिंचाई व पेयजल की समस्या का काफी सीमा तक समाधान हो जाएगा। यह वही पानी होगा जो अभी तक पाकिस्तान को अतिरिक्त रूप से जा रहा था।
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