ब्रिटेन की जमीन पर सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर लोगों ने जम्मू—कश्मीर की अखंडता का संकल्प लेते हुए भारत की संसद द्वारा 1994 में पारित प्रस्ताव की पूर्ति की बात कही। यह अनूठा कार्यक्रम ब्रिटेन की संसद में आयोजित किया गया जिसमें ब्रिटेन में बसे भारतवंशियों ने बड़ी भारी संख्या में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र यूके (जेकेएससी यूके) ने किया था।
‘संकल्प दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित भारत भक्तों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर यानी पीओजेके को उसके चंगुल से छुड़ाकर पूरे जम्मू कश्मीर क्षेत्र को अंखड बनाते हुए भारत की संप्रभुता की रक्षा करेंगे। उपस्थित वक्ताओं और श्रोताओं ने सभी से पीओजेके पर पाकिस्तान के अवैध शिकंजे के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया।
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र भारत के अभिन्न अंग जम्मू और कश्मीर से जुड़े विषयों पर शोध का केन्द्र है। यह कार्यक्रम यूके शाखा (जेकेएससी यूके) की पहल पर उस 22 फरवरी की समृति में आयोजित किया गया था, 1994 में जिस तारीख को भारत की संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर को पुन: अखंड बनाने का सर्वसम्मति से संकल्प लिया था। यूके की संसद में हुए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में गणमान्यजन की उपस्थिति में उसी की याद में संकल्प दिवस पूरे जोश के साथ मनाया गया था।
जम्मू कश्मीर के जो हिस्से पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा रखे हैं उनके प्रमुख हैं मीरपुर-मुजफ्फराबाद तथा गिलगित-बाल्टिस्तान। इन हिस्सों को एक बार फिर से भारत की मुख्यधरा से जोड़ने का यह संकल्प बहुत मायने रखता है।
इस कार्यक्रम में सौ से अधिक लोग शामिल हुए थे। इनमें ब्रिटिश संसद के सदस्य, अनेक पार्षद, कई समुदायों के प्रतिनिधि, अनेक सामाजिक संगठनों के मुख्य कार्यकर्ता तथा बड़ी संख्या में भारतवंशी समुदाय के लोग सम्मिलित थे। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन, सांसद थेरेसा विलियर्स, सांसद इलियट कोलबॅर्न तथा सांसद वीरेंद्र शर्मा के साथ जम्मू कश्मीर पर अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से से आए प्रोफेसर सज्जाद रजा।
उपस्थित सांसदों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की वस्तुस्थिति सबके सामने लाई जानी चाहिए। इस दृष्टि से ऐसे आयोजन आगे भी होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि असल में मुख्यधारा के विमर्श में ऐसे तथ्यों को छुपाया जाता रहा है जिससे असल बात सामने नहीं आ पाती। यही वजह से है इस कार्यक्रम से लोगों में जागरूकता आएगी और वे पीओजेके की असली पीड़ा से परिचित होकर उसे दूर करने में अपना योगदान देंगे।
मुख्य वक्ता सज्जाद रजा ने बताया कि पीओजेके में मूलभूत मानवाधिकारों का गंभीर हनन किया जा रहा है। पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के इलाकों में ऐसी स्थिति पर भारत सरकार हरकत में आए तो स्थानीय लोगों को बहुत राहत पहुंचेगी। भारत को इस दिक्कत का हल करने की ओर सोचना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे उस क्षेत्र को लेकर अपनी भावनाओं को सामने रखते हुए पीओजेके से पाकिस्तान के अवैध कब्जे को हटाने में अपना योगदान दें।
इस मौके पर उपस्थित सांसदों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की वस्तुस्थिति सबके सामने लाई जानी चाहिए। इस दृष्टि से ऐसे आयोजन आगे भी होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि असल में मुख्यधारा के विमर्श में ऐसे तथ्यों को छुपाया जाता रहा है जिससे असल बात सामने नहीं आ पाती। यही वजह से है इस कार्यक्रम से लोगों में जागरूकता आएगी और वे पीओजेके की असली पीड़ा से परिचित होकर उसे दूर करने में अपना योगदान देंगे।
कार्यक्रम में प्रत्येक वक्ता ने यह उम्मीद व्यक्त की कि जम्मू कश्मीर क्षेत्र को लेकर इस तरह की दिक्कतों के बारे में और गंभरता से काम करते रहकर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। जेकेएससी यूके इस दृष्टि से प्रयत्नशील है और इसके प्रयास में सबको सहयोग करना चाहिए। इस प्रदेश के बारे में एक सुविचारित चर्चा सबके बीच लेकर जानी चाहिए जिससे भ्रामकता दूर हो और तथ्यों की जानकारी मिले।
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