भारत में कथित इस्लामिक शिक्षा के केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने गजवा ए हिन्द (भारत पर आक्रमण) को मान्यता देने वाला फतवा जारी किया है। दारुल उलूम देवबंद ने अपनी वेबसाईट के माध्यम से ये फतवा जारी किया है। इसमें गजवा ए हिन्द को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए महिमामंडित किया गया है। इसमें कहा गया है कि गज़वा ए हिन्द में मरने वाले महान बलिदानी होंगे।
इसमें सुन्न अल नसा नाम की किताब का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस किताब में गजवा ए हिन्द को लेकर एक पूरा चैप्टर है। जिसमें बताया हजरत अबू हुरैराह ने हडीथ के बारे में बताते हुए कहा है कि अल्लाह के मैसेंजर ने ‘भारत पर हमला’ करने का वादा किया था। अगर मैं जिंदा रहा तो इसके लिए मैं खुद और अपनी धन सम्पदा को कुर्बान कर दूंगा। मैं सबसे महान बलिदानी बनूंगा। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि देवबंद की मुख्तार कंपनी ने इस किताब को प्रिंट किया है।
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वहीं इस मामले में एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सहारनपुर जिले के डीएम और एसपी को एक नोटिस जारी कर इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा है। एनसीपीआर ने कहा है कि दारुल उलुम देवबंद मदरसे में बच्चों को भारत विरोधी शिक्षाएं दे रहा है। इससे इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा मिल रहा है। आयोग ने इस किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन करार दिया है। NCPCR ने सीपीसीआर अधिनियम की धारा 13 (1) टीजे) के तहत मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि इस तरह के फतवे की सामग्री से देश के खिलाफ नफरत फैल सकती है।
आयोग ने जिला प्रशासन से दारुल उलुम की बेवसाइट की जांच करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इसके जरिए देश की जनता को गुमराह किया गया है। इसलिए इस वेबसाइट की जांच कर इसे तुरंत ब्लॉक किया जाए। इसके साथ ही NCPCR ने चेताया है कि जल्द ही इसको लेकर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो खुद जिला प्रशासन भी समान रूप से इसके लिए जिम्मेदार होगा।
पॉञ्चजन्य से बात करते हुए NCPCR के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, “दारुल उलुम देवबंद में बच्चों को ये पढ़ाया जा रहा है कि किस तरह से ‘गजवा ए हिन्द’ किया जाए। जो भी गजवा ए हिन्द के लिए अपनी जान देगा वो सर्वोच्च बिलदानी कहा जाएगा। ये संस्था पूरे दक्षिण एशिया में मदरसों को संचालित करती है। इस तरह से बच्चों को भारत पर हमले के लिए उकसाना बहुत ही खतरनाक है। इस मामले में हमने जिला प्रशासन से देश द्रोह की धाराओं के तहत केस दर्ज करने को कहा है।”
सहारनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि एनसीपीसीआर से निर्देश आने के बाद एसडीएम (SDM) और सीओ देवबंद को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है।
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