गुवाहाटी। विधानसभा में आज असम हीलिंग (बुराई की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 पेश किया किया गया। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की ओर से राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने विधेयक पेश किया।
इस कानून का उद्देश्य सामाजिक जागृति को बढ़ावा देना और अंधविश्वास और खराब स्वास्थ्य पर आधारित प्रथाओं के खिलाफ सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक सुरक्षित, विज्ञान-आधारित वातावरण को बढ़ावा देना है। साथ ही निर्दोष व्यक्तियों का शोषण करने के इरादे से इस्तेमाल की जाने वाली गैर-वैज्ञानिक उपचार पद्धतियों को खत्म करना है।
इस विधेयक की धारा 3 के अनुसार, सरकार को कुछ बीमारियों और स्वास्थ्य विकारों के इलाज के लिए बुरी या जादुई उपचार पद्धतियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार होगा। इसके अलावा, धारा 4 सरकार को ऐसी प्रथाओं के लिए भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने का अधिकार देती है।
नए प्रस्तावित विधेयक में अमानवीय, दुष्ट या जादुई उपचार पद्धतियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण धाराएं शामिल किए गए हैं। धारा 5 सरकार को किसी भी कार्य या ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए दंड देने का अधिकार देती है। धारा 6 में इसे बढ़ाकर एक साल की कैद, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या 50 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों दिया जा सकता है।
बार-बार अपराध करने पर दोषी को पांच साल तक की जेल या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों दिया सकता है। इसके अलावा, धारा 9 सरकार को पुलिस अधिकारियों को सतर्कता अधिकारी के रूप में नियुक्त करने का अधिकार देती है। विधेयक की धारा 16 सरकार को विधेयक के प्रावधानों को लागू करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देती है। यह कानून राज्य से अंधविश्वास को दूर करने में कारगर साबित होगा सरकार द्वारा ऐसी उम्मीद जताई गई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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