विशाखापत्तनम। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘मिलन-2024’ का विशाखापत्तनम में औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने इस अभ्यास में शामिल हो रहे 50 मित्र देशों को हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हमें समुद्र में लोकतांत्रिक और नियम-आधारित विश्व व्यवस्था के अनुरूप सकारात्मक शांति की अपेक्षा करनी चाहिए, जहां व्यक्तिगत देश साझा शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए एक-दूसरे के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। शांति की यह अवधारणा प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष से अलग है, क्योंकि इसमें सुरक्षा, न्याय और सहयोग की व्यापक धारणाएं शामिल हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा ऐतिहासिक अनुभव हमें बताता है कि सशस्त्र बल भी शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे निवारण, संघर्ष निवारण एवं शांति-रक्षण जैसी अवधारणाओं और प्रथाओं में और विशेष रूप से आपदाओं के दौरान विभिन्न मानवीय सहायता प्रयासों में भी देखा जाता है। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर ‘मिलन गांव’ का भी उद्घाटन किया। ‘मिलन गांव’ में दो दर्जन से अधिक स्टाल लगाए गए हैं।
इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना को इस ‘मिलन’ के दौरान अपने दोस्तों और भागीदारों के साथ सार्थक बातचीत, रचनात्मक जुड़ाव और सकारात्मक परिणामों की उम्मीद है। इसलिए हमारे प्रतिभागियों को सर्वव्यापी अनुभव प्रदान करने के लिए इस बहुपक्षीय नौसैन्य अभ्यास को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। कल शुरू हुए हार्बर चरण में विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान और टेबल टॉप अभ्यासों के माध्यम से व्यावहारिक चर्चाएं देखी गईं।
उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में होने वाला अंतरराष्ट्रीय समुद्री सेमिनार वरिष्ठ कमांडरों को महत्वपूर्ण समुद्री चुनौतियों और अवसरों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। हमारे युवा अधिकारी यहां प्रशिक्षण सिमुलेटरों पर अपने नौकायन, पनडुब्बी बचाव और क्षति नियंत्रण कौशल को निखार रहे हैं। इस मौके पर जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और एमएसएमई की ओर से भारत के आशाजनक स्वदेशी उद्योग की एक झलक प्रदान करने के लिए एक मिलन तकनीकी प्रदर्शनी या एमटीईएक्स का भी आयोजन किया गया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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