मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में आदिवासी कला और संस्कृति को रूबरू कराने के उद्देश्य से देश का पहला कला गुरुकुल प्रारंभ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार देर शाम खजुराहो स्थित आदिवर्त जनजातीय एवं लोक कला संग्रहालय का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के इस पहले एवं इकलौते पारंपरिक कलाओं के गुरुकुल का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आदिवर्त के भ्रमण के दौरान जनजातीय संस्कृति और लोक कला से रूबरू हुए। कलाकारों के दल द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन पर पारंपरिक संस्कृति के अनुसार आत्मीय स्वागत किया गया। आकर्षक लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां भी दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी कलाकारों के साथ ढोलक और वाद्य यंत्रों की थाप पर नृत्य किया। साथ ही संग्रहालय में कलाकारों द्वारा निर्मित वस्तुएं देखीं। भारिया, गोंड, कोल और भील घर पहुंचकर जनजातीय कलाकारों से संवाद किया तथा जनजातीय वर्ग के आवासों में पहुंचकर उनके रहन सहन और संस्कृति को देखा और कला एवं निर्मित विभिन्न उत्पादों की सराहना कर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। यहां गोंड समुदाय के चित्रकार संतू तेकाम के चित्रों की प्रदर्शनी भी देखी। मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों ने सांस्कृतिक गांव आदिवर्त की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग द्वारा आदिवर्त को मध्यप्रदेश जनजातीय एवं लोककला राज्य संग्रहालय के रूप में परिकल्पित किया गया है। सांस्कृतिक ग्राम में जनजातीय गांव के परिदृश्य को शामिल किया गया है।
आदिवर्त के भ्रमण के मौके पर सांसद विष्णुदत्त शर्मा, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री ललिता यादव, विधायक अरविन्द पटेरिया, राजेश शुक्ला, कामाख्या प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, कलेक्टर संदीप जी.आर., पुलिस अधीक्षक अमित सांघी भी उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खजुराहो में भगवान मतंगेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर सांसद वी.डी. शर्मा एवं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने पूजा-अर्चना की।
सौजन्य- सिंडिकेट फीड
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