गोवंशों पर 2 राज्यों में 2 बड़े निर्णय
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत मध्य प्रदेश

गोवंशों पर 2 राज्यों में 2 बड़े निर्णय

राजस्‍थान में भाजपा की सत्‍ता आने का प्रभाव यह हुआ कि जिन दो छोटे गांव में हर दिन 600 से ज्‍यादा गायों को मौत के घाट उतार दिया जाता था, उनमें अब गोकशी बंद हो गई है

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Feb 20, 2024, 05:50 pm IST
in मध्य प्रदेश, राजस्थान
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश दो राज्‍यों में, दो निर्णय शासन के एक साथ देखने में आए हैं। मध्‍यप्रदेश में गाय का अंतिम संस्‍कार किया जाना आवश्‍यक कर दिया गया तो दूसरे राज्‍य राजस्‍थान में भाजपा की सत्‍ता आने का प्रभाव यह हुआ कि जिन दो छोटे गांव में हर दिन 600 से ज्‍यादा गायों को मौत के घाट उतार दिया जाता था, उनमें अब गोकशी बंद हो गई है। सिर्फ बंद ही नहीं हुई, अपराधी घर छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। वस्‍तुत: अलवर के खैरथल तिजारा जिले के किशनगढ़बास इलाके में स्थित बीफ मंडी में खुलेआम गोकशी के कई साक्ष्‍य लम्‍बे समय से मौजूद थे, हर दिन यहां सैकड़ों गायों को मारा जा रहा था, लेकिन पुलिस तत्‍कालीन कांग्रेस शासन में मौन थी।

राजस्थान में राजस्थान बोविन ऐनिमल ऐक्ट 1995 के तहत गौहत्या और गौमांस रखने पर 3 से 10 साल की जेल और 10,000 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। इस संदर्भ में वर्ष 2017 में एक महत्‍वपूर्ण संशोधन राज्‍य के स्‍तर पर भी लाया गया। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कुछ ऐसे प्रावधान भी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत पशुओं पर अत्याचार करने या उन्हें जान से मारने पर 5 साल तक की जेल का प्रावधान है। लेकिन हिन्‍दुओं की आस्‍था से जुड़े होने वाले पशु को बेरहमी से मारा जा रहा था।

इस अपराध का खुलापन देखिए कि बड़ी संख्या में आस-पास बल्‍कि दूसरे राज्‍यों के लोग यहां मांस खरीदने पहुंचते थे। हरियाणा के मेवात के करीब 50 गांवों में होम डिलीवरी की भी सुविधा यहां से दी जा रही थी। इलाके में बीफ की बिरयानी खुलेआम बेची जाती थी। अनेक लोग तो मांस और खाल बेचकर महीने की 4 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर रहे थे।

इतिहास में कई बार हमारे बुजुर्गों ने जो बातें समय सापेक्ष भाव से कहीं, हम उनके अर्थ भी अपने हिसाब से लगा लेते हैं। वस्‍तुत: जो लोग गोकशी का समर्थन करते हैं, अक्‍सर उन्‍हें 1958 उच्‍चतम न्‍यायालय का निर्णय और महात्‍मा गांधी याद आते हैं। तत्‍कालीन समय में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला दिया था कि सभी उम्र की गायों (बछड़ों को छोड़कर) जो दूध देने या वजन उठाने में सक्षम नहीं हैं, उनका वध किया जा सकता है। अदालत ने ऐसे मवेशियों को “बेकार” के रूप में वर्गीकृत किया था। किंतु चार दशक बाद, 2005 में, शीर्ष अदालत ने पशु वध पर पूर्ण प्रतिबंध सर्वमान्‍य किया, भले ही गोवंश अनुपयोगी या उपयोगी क्‍यों न हो। इस निर्णय में दिलचस्प बात यह है कि अन्य बातों के अलावा, न्‍यायालय ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए महात्‍मा गांधी, विनोबा, महावीर, बुद्ध, नानक और अन्य महापुरुषों की यह भारत भूमि है, हमें यह याद दिलाया और कहा कि कमज़ोर को अधिक सुरक्षा और करुणा की आवश्यकता है, इसलिए हमें गाय का वध नहीं जीवन में उसका अधिकतम उपयोग करना चाहिए।

महात्‍मा गांधी ने समय-समय पर गाय की वकालत की है। गांधी कहते हैं, वह (गाय) अपनी आंखों की भाषा में हमसे यह कहती प्रतीत होती है : ईश्वर ने तुम्हें हमारा स्वामी इसलिए नहीं बनाया है कि तुम हमें मार डालो, हमारा मांस खाओ अथवा किसी अन्य प्रकार से हमारे साथ दुर्वव्यहार करो, बल्कि इसलिए बनाया है कि तुम हमारे मित्र तथा संरक्षक बन कर रहो।” ( यंग इंडिया, 26.06.1924)। गांधीजी का मानना था कि गौ हत्या का कलंक सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से बंद होना चाहिए। इसके लिए भारत से यह कार्य शुरू हो, यह वह चाहते थे। उन्होंने लिखा है – ”मेरी आकांक्षा है कि गौ रक्षा के सिद्धांत की मान्यता संपूर्ण विश्व में हो। पर इसके लिए यह आवश्यक है पहले भारत में गौवंश की दुर्गति समाप्त हो और उसे उचित स्थान मिले” – (यंग इंडिया, 29-1-1925)।

इस तरह से महात्‍मा गांधी कई अवसरों पर सीधे तौर पर गाय की वकालत करते नजर आते हैं। वह गौ सेवा को भारत की अर्थव्‍यस्‍था के लिए महत्‍व दिया करते थे। निश्‍चित ही गौवंश भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक व्यवस्था से सीधे जुड़े हुए हैं।

Topics: MP newsएमपी समाचारगाय का अंतिम संस्‍कारएमपी में गायगोकशी पर पाबंदीएमपी में गाय पर फैसलाCow cremationcow in MPban on cow slaughterdecision on cow in MP
Share10TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आरोपी असलम खान

भोपाल के बाद मप्र में जैसे लव जिहाद की ‘सीरीज’ आ रही सामने, मुरैना में असलम खान गिरफ्तार

मुस्लिम युवती ने इस्लाम त्याग की घर वापसी

घर वापसी: इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, मुस्लिम लड़कियों ने की घर वापसी, मंदिर में किया विवाह

इंदौर की तीन साल की वियाना जैन ने संथारा धारण कर त्यागे प्राण

मोहम्मद खान ने सनातन धर्म अपनाकर हिन्दू रीति-रिवाज से किया विवाह

घर वापसी: पहलगाम आतंकी हमले से आहत मोहम्मद खान ने की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

आरोपी समीर खान

समीर खान ने हिंदू बताकर युवती से की शादी, पूजा से रोका, जबरन खिलाया मांस

Love jihad with hindu girl

एक और अजमेर कांड : भोपाल में लव जिहाद सिंडिकेट का खुलासा, सेक्स, वीडियो और ब्लैकमेलिंग से बर्बाद हुईं हिन्दू छात्राएं

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies