राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से चली ‘कथित भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ सोमवार को उत्तर प्रदेश के अमेठी पहुंची। लेकिन अमेठी में राहुल गांधी की आशा के विपरीत लोगों ने उनका विरोध करते ‘राहुल गो बैक’ के नारे लगाए। इसके साथ ही जय श्री राम के नारे भी लगाए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों की नाराजगी ये थी कि राहुल गांधी चुनाव हारने के बाद एक बार भी अमेठी नहीं आए। अयोध्या में जब हिन्दुओं का 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हुआ और भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई तब भी वो वहां नहीं आए, तो फिर अब क्या करने के लिए अमेठी आए हैं। राजेश कुमार मिश्र नाम के व्यक्ति ने ये भी कहा कि जब अमेठी से राहुल गांधी सांसद थे तो लोगों से उनके मिलने का अंदाज अलग होता था। लेकिन इस बार उनमें वो गर्मजोशी नहीं दिखी। शान मोहम्मद ने कहा कि जैसे इस बार कुछ परिवर्तन दिखा। भीड़ देखने के बाद राहुल गांधी तत्काल उतरते थे और लोगों से मिलते और उनका हाल-चाल जानते लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा।
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35 किलोमीटर की यात्रा, लेकिन गाड़ी से नहीं उतरे
अमेठी में कथित न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी कुल 35 किलोमीटर की यात्रा की, लेकिन इस दौरान वो एक भी जगह गाड़ी से नीचे नहीं उतरे केवल लोगों को हाथ हिलाते चले गए। जबकि, इससे पहले जब कभी गांधी परिवार का कोई भी सदस्य अमेठी आता था तो वो बुजुर्गों से मिलता था, बच्चों को दुलारता था और लोगों से हाथ मिलाता था। लेकिन इस बार अमेठी से राहुल गांधी की नाराजगी साफ दिखी। धर्मेंद्र शुक्ल नाम के स्थानीय व्यक्ति का कहना था कि पहली बार वह बिना लोगों से मिले, बस हाथ हिलाकर चल दिए। कहीं न कहीं, उनके मन में वर्ष 2019 की हार की टीस जरूर है।
क्या कहा राहुल गांधी ने
अपने दौरे के दौरान राहुल गांधी ने अमेठी के लोगों के बारे में बातचीत करने के बजाय मणिपुर, अंबानी-अडाणी, ऐश्वर्या राय और प्रियंका चोपड़ा का जिक्र करते रहे हैं। वो यह कहकर लोगों को डराते रहे कि सब मारे जाओगे।
स्मृति ईरानी का तंज
राहुल गांधी की इस यात्रा पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तंज कसते हुए कहती हैं कि जिसे खुद सहारों की जरूरत है वो दूसरों का सहारा कैसे बन सकता है? वो राहुल गांधी का नाम लिए बिना ही कहती हैं कि अमेठी के एक पूर्व सांसद ने वायनाड से अमेठी को समझने की बात कही। आज जब खाली सड़कों ने उनका स्वागत किया तो प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर से लोगों को ढोकर रैली में लाए।
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