मैत्री को समर्पित मंदिर
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

मैत्री को समर्पित मंदिर

संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी में बना पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर। माना जा रहा है कि यह मंदिर अरब जगत और भारत की मित्रता को और प्रगाढ़ करेगा

by अरुण कुमार सिंह
Feb 20, 2024, 07:31 am IST
in भारत, विश्व, विश्लेषण, संस्कृति
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
मंदिर में (बाएं से) यू.ए.ई. के सहिष्णुता मंत्री शेख नाह्यान, ब्रह्मबिहारी स्वामी, नरेन्द्र मोदी और महंत स्वामी जी महराज। मंदिर में स्थापित भगवान अयप्पा को प्रणाम करते नरेन्द्र मोदी (ऊपर)

इस समय सनातन धर्म का डंका केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी बज रहा है। इससे संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) जैसा मुस्लिम देश भी अछूता नहीं है। सनातन धर्म के संतों के विचारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों ने यू.ए.ई. के नेताओं को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अबू धाबी में एक हिंदू मंदिर बनाने के लिए जबरदस्त उदारता दिखाई। उन्होंने मंदिर के लिए कुल 27 एकड़ जमीन दान में दे दी। उनकी इस उदारता और सहयोग का सुपरिणाम यह हुआ कि ‘बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था’ (बी.ए.पी.एस.) ने इस मुस्लिम देश में पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बना दिया।

14 फरवरी को वसंत पंचमी के पावन अवसर पर इस मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ। बी.ए.पी.एस. के महंत स्वामी महाराज जी के सान्निध्य में आयोजित इस अनुष्ठान के मुख्य अतिथि थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। प्राण प्रतिष्ठा संपन्न करने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘यह मंदिर मानवता की साझा विरासत का प्रतीक है। मुझे उम्मीद है कि यह मंदिर पूरे विश्व में सांप्रदायिक सद्भाव और वैश्विक एकता की स्थापना करेगा।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘संयुक्त अरब अमीरात को अभी तक बुर्ज खलीफा, फ्यूचर म्यूजियम, शेख जायेद मस्जिद और अन्य आधुनिक इमारतों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उसने अपनी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय को जोड़ लिया है।’’

यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं था। कूटनीति के विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदिर अरब जगत और भारत के बीच मित्रता का नया अध्याय लिखेगा। यू.ए.ई में भारत के राजदूत संजीव कुमार ने कहा भी है, ‘‘यह मंदिर भारत और अरब के बीच मैत्री का प्रतीक है।’’ इस मंदिर के माध्यम से वैश्विक सद्भाव, सहिष्णुता और शांति का संदेश दिया गया है। मंदिर को बनाने में सभी मत-पंथ के विशेषज्ञों, कारीगरों और श्रमिकों ने मेहनत की है। मंदिर के लिए एक मुसलमान राजा ने भूमि दान दी है, तो इसके मुख्य वास्तुकार हैं एक कैथोलिक ईसाई। परियोजना प्रबंधक का दायित्व एक सिख के पास था। नींव से संबंधित काम एक बौद्ध के नेतृत्व में हुआ। मंदिर का निर्माण जिस कंपनी ने किया है, उसका मालिक पारसी है और उसके निदेशक जैन अनुयायी हैं।

यानी इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य है सभी मत-पंथ के लोगों को एक साथ लाना। यह सपना बी.ए.पी.एस. के प्रमुख स्वामी जी महाराज ने 1997 में देखा था। उस वर्ष वे यू.ए.ई. की यात्रा पर गए थे। उसी समय उन्होंने अबू धाबी में एक ऐसा मंदिर बनाने का सपना देखा था, जो विभिन्न देशों, संस्कृतियों और मत-पंथों को करीब ला सके। लेकिन उनका यह सपना इस धरा पर उनके रहते पूरा नहीं हो पाया। उनका सपना तब पूरा हुआ, जब 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यू.ए.ई. पहुंचे। मोदी वर्षों से प्रमुख स्वामी महाराज के भक्त रहे हैं। स्वामी जी भी जब तक जीवित रहे तब तक वे मोदी के लिए अशीर्वाद स्वरूप प्रतिवर्ष वस्त्र भेजते थे। यही नहीं, प्रमुख स्वामी जी हर चुनाव में नामांकन करने के लिए मोदी के पास एक विशेष कलम भी भेजते थे।

मंदिर के समाने एक भावमय मुद्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इसी कलम से मोदी नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करते रहे हैं। इसलिए मोदी ने अपने पिता तुल्य प्रमुख स्वामी जी के सपने को साकार करने के लिए अबू धाबी के तत्कालीन क्राउन प्रिंस और यू.ए.ई. के सशस्त्र बल के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के सामने मंदिर बनाने की बात रखी। मोदी के इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकृति भी मिली। 13 फरवरी को दुबई में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने स्वयं कहा, ‘‘मंदिर का प्रस्ताव रखने के तुरंत बाद ही शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने जमीन देने की घोषणा कर दी। इसके लिए उन्हें ह्दय से धन्यवाद।’’

इस मंदिर के लिए 2015 में पहली बार 13.5 एकड़ जमीन उपहारस्वरूप मिली थी। उसके बाद जनवरी, 2019 में अबू धाबी के ‘सहिष्णुता वर्ष’ के अवसर पर 13.5 एकड़ भूमि और आवंटित की गई। इस प्रकार कुल 27 एकड़ भूमि मंदिर को भेंट में दी गई है।
यह मंदिर वास्तुकला का एक बेजोड़ उदाहरण है। मंदिर की बनावट ऐसी है कि जो भी इसे एक बार देखता है, गौरवान्वित हो उठता है। यह मंदिर दुबई से अबूधाबी को जोड़ने वाले अबूधाबी शेख जायेद राजमार्ग पर है। इसका निर्माण लगभग 700 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। 27 एकड़ में बने इस मंदिर को राजस्थान और गुजरात के कारीगरों ने लगभग 30,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया है। मंदिर में कहीं भी स्टील या लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।

मंदिर के अंदर इटली से लाए गए मार्बल लगाए गए हैं। यह मार्बल पहले गुजरात लाया गया। यहां इसकी कटाई-छंटाई और उन पर नक्काशी की गई। इसके बाद इसे दुबई ले जाया गया। मंदिर का बाहरी हिस्सा गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है। मंदिर के बाहर फर्श पर राजस्थान से लाया गया सफेद संगमरमर लगाया गया है। इनकी विशेषता यह है कि ये 55 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में भी गर्म नहीं होते। इससे भक्तों को कोई परेशानी नहीं होगी।

‘‘संयुक्त अरब अमीरात को अभी तक बुर्ज खलीफा, फ्यूचर म्यूजियम, शेख जायेद मस्जिद और अन्य आधुनिक इमारतों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उसने अपनी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय को जोड़ लिया है।’’ – नरेन्द्र मोदी

‘‘यह मंदिर भारत और अरब के बीच मैत्री का प्रतीक है।’’ -यू.ए.ई में भारत के राजदूत संजीव कुमार

मंदिर की बाई ओर गंगा और दाई ओर यमुना कृत्रिम रूप से बहाई गई है। कृत्रिम गंगा और यमुना के लिए भारत से गंगा और यमुना का जल ले जाया गया है। दोनों नदियों के जल को वहां के जल में मिलाकर प्रवाहित किया जा रहा है। मंदिर के एक अधिकारी विशाल पटेल ने बताया, ‘‘मंदिर के बाहर त्रिवेणी संगम बनाया गया है। यहां गंगा और यमुना का जल तो प्रवाहित हो रहा है, सरस्वती को दर्शाने के लिए विशेष प्रकाश की व्यवस्था की गई है, जो सरस्वती के अस्तित्व को दिखाएगा।’’

मंदिर में सात शिखर हैं, जो यू.ए.ई. के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मंदिर में भगवान राम, सीता जी, हनुमान जी, शिव जी, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिक जी, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, राधा जी, श्री अक्षर पुरुषोत्तम महाराज, तिरुपति बालाजी और भगवान अयप्पा के विग्रह स्थापित हैं। मंदिर की ऊंचाई 32.92 मीटर (108 फीट), लंबाई 79.86 मीटर (262 फीट) और चौड़ाई 54.86 मीटर (180 फीट) है। यह मंदिर मध्य-पूर्व में पत्थर का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है। मंदिर में एक बार में 10,000 भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं।

इस मंदिर के बनने से लोग यह भी कह रहे हैं कि सनातन का सूर्योदय एक मुस्लिम देश में भी हो चुका है।

Topics: अबूधाबीभगवान कृष्णSunrise of Sanatanभगवान रामa Muslim countryमाता पार्वतीIndia and Arabiaabu dhabiसीता जीहिंदू मंदिरभगवान जगन्नाथHindu templeशिव जीपाञ्चजन्य विशेषसनातन का सूर्योदय एक मुस्लिम देशभारत और अरबहनुमान जी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

1822 तक सिर्फ मद्रास प्रेसिडेंसी में ही 1 लाख पाठशालाएं थीं।

मैकाले ने नष्ट की हमारी ज्ञान परंपरा

मार्क कार्नी

जीते मार्क कार्नी, पिटे खालिस्तानी प्यादे

हल्दी घाटी के युद्ध में मात्र 20,000 सैनिकों के साथ महाराणा प्रताप ने अकबर के 85,000 सैनिकों को महज 4 घंटे में ही रण भूमि से खदेड़ दिया। उन्होंने अकबर को तीन युद्धों में पराजित किया

दिल्ली सल्तनत पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों?

स्व का भाव जगाता सावरकर साहित्य

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies