अमेरिका के हाउस आफ रीप्रेजेंटेटिव्स यानी प्रतिनिधि सभा ने अमेरिका में एक बार फिर से उइगर मुसलमानों के विरुद्ध चीन के दमन का मुद्दा उठाते हुए इसके विरुद्ध एक महत्वपूर्ण अधिनियम पारित किया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कैलीफोर्निया से प्रतिनिधि यंग किम की अगुआई में उइगर नीति अधिनियम 2023 को बहुमत के साथ पारित किया गया। प्रस्ताव चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उइगरों पर दमन के विरुद्ध उइगरों तथा अन्य नस्लीय अल्पसंख्यकों के प्रति समर्थन की बात करता है। यंग किम का कहना था कि प्रतिनिधि सभा उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध दमदारी से खड़ी है।
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अमेरिका में कैलीफोर्निया से प्रतिनिधि यंग किम ने घोषणा की है कि प्रतिनिधि सभा ने उइगर नीति अधिनियम 2023 को बिना विवाद के पारित किया है। प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव के माध्यम से मुख्य रूप से चीन के सिंक्यांग प्रांत में उइगरों के नरसंहार के मुद्दे पर चीन को सीधे सीधे लक्ष्य किया है।
दुनिया भर में उइगरों पर चीन के दमन के सचित्र प्रमाण प्रकाशित होने, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा कई बार इस संबंध में चीन को सचेत करने और विदेशों में बसे उइगर प्रतिनिधियों द्वारा तथ्यात्मक प्रमाण दिए जाने के बाद भी चीन सरकार ने हमेशा इनकार किया है कि उइगरों के साथ कोई अत्याचार किया जा रहा है। जिनपिंग सरकार पूरी सतर्कता बरतते हुए इस संबंध में कोई भी समाचार बाहर नहीं आने देती। फिर भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से चीन की उइगर मुस्लिमों तथा अन्य नस्लीय अल्पसंख्यकों के साथ की जा रही बर्बरता छुपी नहीं है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यंग किम ने इस आशय की एक पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने कहा है कि ”प्रतिनिधियों को अपनी कथनी और करनी से यह जाहिर करना होगा कि हम सब उइगरों के नरसंहार तथा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बार-बार हो रहे प्रोपेगेंडा, जोर—जबरदस्ती तथा दमन के विरुद्ध हैं। अपने उइगर नीति अधिनियम को लेकर मैं उत्साहित हूं।”
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इस पोस्ट के अलावा यंग किम ने एक बयान भी जारी किया है। इसमें वे कहती हैं कि ”अमेरिका की प्रतिनिधि सभा द्वारा अमेरिका को प्रभावी कदम उठाने में मदद करने के लिए कांग्रेसवूमैन यंग किम की अगुआई में उइगर नीति अधिनियम 2023 को बहुमत के साथ पारित किया गया है। हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के दमन के विरुद्ध उइगर तथा अन्य नस्लीय अल्पसंख्यकों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में उइगरों पर चीन के दमन के सचित्र प्रमाण प्रकाशित होने, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा कई बार इस संबंध में चीन को सचेत करने और विदेशों में बसे उइगर प्रतिनिधियों द्वारा तथ्यात्मक प्रमाण दिए जाने के बाद भी चीन सरकार ने हमेशा इनकार किया है कि उइगरों के साथ कोई अत्याचार किया जा रहा है। जिनपिंग सरकार पूरी सतर्कता बरतते हुए इस संबंध में कोई भी समाचार बाहर नहीं आने देती। फिर भी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से चीन की उइगर मुस्लिमों तथा अन्य नस्लीय अल्पसंख्यकों के साथ की जा रही बर्बरता छुपी नहीं है।
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