बिहार के दरभंगा जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इस समय यहां के केवटी प्रखंड के अंतर्गत आने वाली पंचायत कोठिया की मुखिया सबा परवीन उर्फ सबा खातून है। उसके पास भारत और नेपाल की भी नागरिकता है। यह कैसे हुआ, किसके इशारे पर हुआ! जैसे सवाल उठ रहे हैं।
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि इस महिला की जड़ बांग्लादेश में है। कहा जा रहा है कि उसके पूर्वज बांग्लादेश के हैं। इसकी अम्मी के पास भी भारत और नेपाल की नागरिकता है। सूत्रें के अनुसार मुखिया बनने के लिए उसने 6 लोगों का अवैध पहचान पत्र भी बनवाया। यह भी कहा जा रहा है कि मुखिया बनने के बाद वह नेपाल के रास्ते अक्सर लोगों को संवेदनशील दरभंगा में लाकर उनका फर्जी कागजात भी बनवाती है। इसकी अम्मी भी 2016 में मुखिया का चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन वह चुनाव हार गई। अगर कोई इनकी अवैध नागरिकता के मामले को उठाता है तो उस पर मुकदमे कराए जाते हैं। इस सिलसिले मुखिया और उसकी अम्मी से कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वे दोनों बात करने के लिए तैयार नहीं हुईं।
सबा खातून का नाम भारत की मतदाता सूची में दर्ज है। इसका मतदाता पहचान पत्र नंबर 1956549 है। इसके पति का नाम मोहम्मद जावेद आलम है। वहीं नेपाल के मतदाता पहचान पत्र में मतदाता संख्या 1874108 और क्रमांक 2321 है। नेपाल के मतदाता पहचान पत्र में इसके अब्बू का नाम मोहम्मद एजाज अहमद और अम्मी का नाम अहमदी खातून है। स्थायी पता सिरहा नगरपालिका-4, सिराहा, जिला अंकित है। इसी प्रकार इसकी अम्मी का पहचानपत्र भी दो देशों का है। भारत में अहमदी खातून नाम से मतदाता सूची में दर्ज है, जिसका नंबर है- 0961847। पति का नाम मोहम्मद एजाज है। नेपाल के मतदाता पहचान पत्र की संख्या 1874140 है। अहमदी ऽातून के अब्बा का नाम मोहम्मद नजीर अहमद और अम्मी का नाम शहीदा खातून बताया गया है। स्थायी पता सिराहा नगरपालिका – 4, सिराहा जिला है।
सबा खातून के अलावा अहमदी के 2 बेटे भी हैं। दोनों बेटों की शादी हो चुकी है। और इन सभी के पास भारत और नेपाल की नागरिकता है।
सबा खातून के इस मामले से अनेक सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहला सवाल है कि आखिर किसके इशारे पर सबा खातून और उसके परिवार के लोग नेपाल और भारत, दोनों देशों के नागरिक बने हैं! क्या यह कानून का उल्लंघन नहीं है! दरभंगा जैसे संवेदनशील स्थान पर एक नेपाली नागरिक के मुखिया बनने से कई तरह के खतरे हो सकते हैं। भारत को अस्थिर करने के लिए लगातार बम धमाके करने वाले यासीन भटकल को लोग भूले नहीं हैं। उसने आतंकवाद को दरभंगा मॉड्यूल दिया। दरभंगा की चर्चा आतंकवाद में दरभंगा मॉड्यूल को लेकर भी होती है। इस मॉड्यूल में स्थानीय लोगों को आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कारण दरभंगा के कई मुसलमान युवक आतंकवादी बने हैं। इनमें से कुछ अभी भी जेल में बंद हैं।
इस प्रक्रिया में घुसपैठ एक अहम कड़ी है। दरभंगा में नेपाल के माध्यम से आज भी बेरोक-टोक घुसपैठ जारी है। इस मॉड्यूल की शुरुआत इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल ने की थी। अगस्त, 2013 में वह नेपाल सीमा पर पकड़ा गया था। यासीन भले ही पकड़ा गया है, लेकिन उसके काम को कुछ लोग आज भी बढ़ा रहे हैं। 2016 में एनआईए ने दरभंगा मॉड्यूल में जाकिर नाइक का संबंध बताया था।
मुंबई में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में दरभंगा के 12 लोग गिरफ्रतार किए गए थे। इनमें असादुल्लाह रहमान उर्फ दिलकश, कफील अहमद, तलहा अब्दाली उर्फ इसरार, मोहम्मद तारिक अंजुमन, हारुन राशिद नाइक, नकी अहमद, वसी अहमद शेख, नदीम अख्तर, अशफाक शेख मोहम्मद आदिल, मोहम्मद इरशाद, गयूर अहमद जमाली और आफताब आलम उर्फ फारूक शामिल हैं। इनमें से एक मोहम्मद आदिल कराची (पाकिस्तान) का था, बाकी 12 दरभंगा के ही थे। इंडियन मुजाहिदीन दरभंगा मॉड्यूल वाला प्रोग्राम दरभंगा के दार-उल-किताब-सुन्ना लाइब्रेरी से संचालित करता था।
2013 में पटना के गाँधी मैदान में नरेंद्र मोदी की सभा में बम धमाके कराने वाले इंडियन मुजाहिदीन के ही आतंकी थे। उनके पास से जाकिर नाइक के बेहद भड़काऊ वीडियो, सीडी मिले थे।
एनआईए कई बार कह चुकी है कि मिथिलांचल में इंडियन मुजाहिद्दीन चुपके-चुपके अपना विस्तार कर रहा है। हैदराबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद तहसीन का नाम इंडियन मुजाहिदीन के सक्रिय सदस्य के तौर पर सामने आया था और वह समस्तीपुर का रहने वाला था। 7 मार्च, 2016 को फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में दरभंगा पुलिस ने 8 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर प्राथमिकी दर्ज कर इनका पासपोर्ट निरस्त किया गया था। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां बार-बार राज्य सरकार को घुसपैठ पर कड़ी कार्रवाई की बात कहती रही है, इसके बावजूद बिहार के सीमावर्ती जिलों में नेपाल के रास्ते घुसपैठ जारी है।
इन घटनाओं को देखते लोग मांग कर रहे हैं कि सबा खातून मुखिया कैसे बनी, इसकी जांच होनी चाहिए। यह भी पता करना चाहिए कि वह दो देशों की नागरिकता क्या रख सकती है!
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